
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी
देहरादून। उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग में एक बार फिर अल्पसंख्यकों की समस्याओं पर चर्चा हो सकेगी. पिछले लंबे समय से आयोग में अध्यक्ष उपाध्यक्ष और सदस्य के पद खाली चल रहे हैं. ऐसे में अब सरकार ने 7 सदस्यों के पद पर दायित्व बांट दिए हैं.
उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग में सात सदस्यों के पद पर दायित्व बांटे गए हैं. काफी लंबे समय से इसके लिए कसरत चल रही थी लेकिन अब इस पर सचिव अल्पसंख्यक कल्याण धीराज सिंह ने आदेश जारी कर दिया है. इस आदेश के साथ ही खाली चल रहे सदस्य के पदों पर नियुक्ति कर दी गई है. नामित किए गए सदस्यों का कार्यकाल पदवार ग्रहण करने की तारीख से 5 साल तक का होगा.
उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग में जिन सदस्यों को जिम्मेदारी दी गई है उनमें
1. मुस्लिम समुदाय से महिला सदस्य के रूप में फरजाना बेगम,
2. सिक्ख समुदाय से उधमसिंहनगर के जगजीत सिंह जग्गा, ऋषिकेश के गगनदीप सिंह बेदी,
3. जैन समुदाय से उधम सिंह नगर के सुरेंद्र जैन,
4. बौद्ध समुदाय से नैनीताल के येशी थूपतन,
5. मुस्लिम समुदाय से देहरादून के नफीस अहमद और चंपावत के शकील अंसारी को सदस्य की जिम्मेदारी मिली है.
खास बात यह है कि उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग में काफी समय से अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों के पद खाली चल रहे थे. आयोग में अध्यक्ष के अलावा दो उपाध्यक्ष और सात सदस्यों के पद हैं. आयोग में 28 अगस्त 2024 से अब तक अल्पसंख्यकों की समस्याओं को लेकर समाधान से जुड़ी होने वाली बैठके नहीं हो पाई हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि आयोग में बैठक के लिए ना तो अध्यक्ष था और ना ही उपाध्यक्ष और सदस्य ही मौजूद थे. इससे पहले 23 दिसंबर 2023 से आयोग में अध्यक्ष का पद खाली चल रहा है. इसी तरह 9 मार्च 2024 को एक उपाध्यक्ष का पद खाली हो गया था.
29 अगस्त 2024 को दूसरे उपाध्यक्ष के पद पर भी रिक्ति हो गई थी. तभी से आयोग में जरूरी बैठकें नहीं हो पा रही हैं. अब सरकार ने 7 सदस्य के पद पर दायित्व बांट दिए हैं. अब जल्द ही अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पद पर भी दायित्व दिए जा सकते हैं. आयोग में काम चलाने के लिए फिलहाल किसी सदस्य को ही अध्यक्ष का प्रभार देकर बैठके की जा सकती है.