UTTARAKHAND GREEN TAX
देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने पर्यावरण संरक्षण, प्रदूषण नियंत्रण और सड़क सुरक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से राज्य में बाहरी राज्यों से आने वाले वाहनों पर ग्रीन टैक्स (या ग्रीन सेस) लगाने का फैसला किया है। यह कदम पर्यटन स्थलों जैसे देहरादून, मसूरी, नैनीताल और ऋषिकेश पर बढ़ते वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए उठाया गया है। पहले यह शुल्क मुख्य रूप से बड़े व्यावसायिक वाहनों पर लागू था, लेकिन अब निजी कारों, जीपों और अन्य चार-पहिया वाहनों को भी इसके दायरे में लाया जा रहा है।
GREEN TAX – GREEN CESS – कब से लागू होगा?
- शुरुआत: दिसंबर 2025 से पूरे राज्य में लागू हो जाएगा।
- वैधता: एक बार टैक्स देने के बाद यह 24 घंटे के लिए वैध रहेगा। यानी, यदि वाहन 24 घंटे के अंदर दोबारा राज्य में प्रवेश करता है, तो अतिरिक्त टैक्स नहीं लगेगा।
किस पर लगेगा टैक्स?
- केवल बाहरी राज्यों (जैसे दिल्ली, यूपी, हरियाणा आदि) से आने वाले वाहनों पर लागू होगा।
- छूट:
- उत्तराखंड के पंजीकृत वाहन।
- दोपहिया वाहन (बाइक, स्कूटर)।
- सरकारी वाहन।
- यदि आप बाइक से जा रहे हैं, तो आपको कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा।
टैक्स की दरें
ग्रीन टैक्स की राशि वाहन के प्रकार, आकार और वजन के आधार पर तय की गई है। ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर अधिक टैक्स लगेगा। नीचे टेबल में विस्तार से देखें:
| वाहन का प्रकार | टैक्स राशि (रुपये में) |
|---|---|
| छोटी निजी कार/जीप | 80 |
| छोटी मालवाहक गाड़ी (डिलीवरी वैन) | 250 |
| भारी वाहन (LMV) | 120 |
| बस | 140 |
| ट्रक (वजन के अनुसार) | 140 से 700 तक |
ये दरें वाहन की श्रेणी के अनुसार हैं, और सटीक राशि एंट्री के समय कैमरे से पहचाने गए वाहन के आधार पर तय होगी।
GREEN TAX – GREEN CESS – कैसे वसूला जाएगा टैक्स?
- तकनीक: राज्य की सीमाओं पर लगे ऑटोमेटेड नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) कैमरों के जरिए वाहनों की पहचान होगी। वर्तमान में 16 कैमरे हैं, जिनकी संख्या बढ़ाकर 37 की जा रही है।
- वसूली का तरीका: फास्टैग (FASTag) से स्वचालित रूप से कट जाएगा।
- कैमरे से डेटा सॉफ्टवेयर के जरिए एनपीसीआई (भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम) डेटाबेस में भेजा जाएगा।
- वाहन मालिक के वॉलेट (जैसे पेटीएम, गूजल पे) से राशि कटकर सीधे उत्तराखंड परिवहन विभाग के खाते में जमा हो जाएगी।
- निगरानी: परिवहन विभाग ने एक निजी वेंडर कंपनी को नियुक्त किया है, जो पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाए रखेगी।
GREEN TAX – GREEN CESS – सरकार को क्या फायदा?
- अनुमानित आय: हर साल 100 से 150 करोड़ रुपये का राजस्व जुटेगा।
- उपयोग: इस राशि से हवा की गुणवत्ता सुधारने, सड़क सुरक्षा बढ़ाने और शहरी परिवहन व्यवस्था को बेहतर बनाने के काम होंगे। यह पर्यटन और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाने का प्रयास है, क्योंकि राज्य में हर साल लाखों बाहरी वाहन आते हैं।
