
तेलगाड़ गदेरे में बनी दो झील
उत्तरकाशी। उत्तरकाशी जिले के हर्षिल में तेलगाड़ नाले (Telgad stream) के मुहाने पर हर्षिल आर्मी कैंप के नजदीक एक पहाड़ी पर लैंडस्लाइड हुआ, जिसने नाले को ब्लॉक कर दिया।
लैंडस्लाइड गुरुवार सुबह (संभवतः 5 सितंबर 2025) को हुआ। इससे बोल्डर और मलबे के जमा होने से तेलगाड़ नाले में दो छोटी झीलें बन गईं। ड्रोन सर्वे से पता चला कि पानी दो जगहों पर जमा हो रहा है, इनमें केवल चट्टानें गिरीं हुई है, और पानी नीचे की ओर बह रहा है। झीलें का आकर ज्यादा बड़ी नहीं हैं, और अभी तक पानी का बहाव शांत है।

वैज्ञानिकों के अनुसार, ऐसे घटनाओं का कारण ग्लेशियर जमा (glacier deposit) का ढहना हो सकता है, जिससे पानी और मलबे की तेज धारा बहती है। यह घटना अगस्त में हुई बड़ी आपदा से जुड़ी हो सकती है।
स्थानीय निवासियों में फ्लैश फ्लड का डर है। हर्षिल निवासी माधवेंद्र रावत ने कहा कि तेलगाड़ में नई झीलें और भागीरथी नदी में पहले से बनी अस्थायी झील मिलकर बड़ा खतरा पैदा कर सकती हैं, जो भविष्य में भागीरथी का बहाव पूरी तरह रोक सकती हैं।

एसडीआरएफ इंस्पेक्टर जगदंबा प्रसाद के अनुसार, फिलहाल कोई खतरा नहीं है, क्योंकि झीलें छोटी हैं और पानी कम है।
आर्मी ड्रोन से झीलों की तस्वीरें ली गईं। एसडीआरएफ की पांच सदस्यीय टीम ने साइट का निरीक्षण किया, लेकिन खड़ी चट्टानों और मौसम के कारण पूरी तरह नहीं पहुँच सके। अब हाई-टेक ड्रोन की मांग की गई है। लगातार मॉनिटरिंग हो रही है ताकि किसी संभावित प्रभाव को रोका जा सके।