
देहरादून। अपने विवादित बयान के कारण आखिरकार कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को अपने पद से इस्तीफा देने पर मजबूर होना पड़ा. रविवार को प्रेमचंद अग्रवाल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा दिया था. आज सोमवार को राज्यपाल ने उनका इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया. उत्तराखंड में प्रेमचंद अग्रवाल ऐसे पहले नेता नहीं हैं, जिन्होंने अपने बड़बोलेपन की कीमत चुकाई है. इससे पहले भी विवादित बयानों के कारण कई नेताओं को अपनी कुर्सी से हाथ धोना पड़ा है.
प्रेमचंद अग्रवाल विवाद: हाल में हुए बजट सत्र के दौरान तत्कालीन कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने सदन में विवादित बयान दिया था. जिसके बाद से ही प्रेमचंद अग्रवाल के खिलाफ लोगों का गुस्सा देखने को मिल रहा था. बीजेपी के कुछ नेताओं ने जहां प्रेमचंद अग्रवाल का बचाव किया तो वहीं कुछ नेताओं ने उनके बयान की निंदा भी की. अपने इसी विवादित बयान के कारण बैकफुट पर आए चार बार के विधायक रहे प्रेमचंद अग्रवाल को अंत में कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा.
तीरथ सिंह रावत विवाद: प्रेमचंद अग्रवाल से पहले गढ़वाल सांसद रहे तीरथ सिंह रावत को भी अपने बयानों के कारण सीएम की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी. दरअसल, साल 2017 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में बीजेपी प्रचंड बहुमत से जीती थी. तब बीजेपी ने त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया था, लेकिन बीजेपी ने त्रिवेंद्र सिंह रावत को अपना कार्यकाल पूरा नहीं करने दिया और चार साल बाद त्रिवेंद्र को सीएम पद से हटा दिया था. इसके बाद नए मुख्यमंत्री के तौर पर तीरथ सिंह रावत को शपथ दिलाई गई थी, लेकिन तीरथ सिंह रावत भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए थे और एक विवादित बयान के कारण उन्हें भी अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी थी.
तीरथ सिंह रावत विवाद फटी जींस वाला बयान: कुर्सी: दरअसल, एक कार्यक्रम में तीरथ सिंह रावत ने महिलाओं की फटी जींस को लेकर टिप्पणी की थी, जिसके बाद न सिर्फ उत्तराखंड में बल्कि पूरे देश में उनके बयान की निंदा हुई था. राजनीतिक दलों के अलावा कई सामाजिक संगठनों ने भी तीरथ सिंह रावत के बयान की आलोचना की थी. कुल मिलाकर कहा जाए तो महिलाओं का फटी जींस पहनने वाला बयान तीरथ सिंह रावत के गले की फांस बना गया था. आखिर में मजबूर होकर तीरथ सिंह रावत ने भी सीएम पद से इस्तीफा दिया. अपने इसी बयान के कारण तीरथ सिंह रावत को दोबारा सांसद का टिकट भी नहीं मिल पाया.
चैंपियन कुंवर प्रणव सिंह विवाद: उत्तराखंड में विवादित बयानों में सबसे ऊपर किसी नेता का नाम आता है तो वो हैं कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन. हरिद्वार जिले की खानपुर विधानसभा सीट से विधायक रहे कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन ने अपने विवादित बयानों से न सिर्फ अपनी, बल्कि बीजेपी सरकार व संगठन की कई बार फजीहत बढ़ा चुके हैं. इसी वजह से बीजेपी ने कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन को 6 साल के निष्कासित कर दिया था. बता दें कि फिलहाल भी फायरिंग केस में प्रणव सिंह चैंपियन हरिद्वार जेल में बंद हैं.
हरक सिंह रावत विवाद: उत्तराखंड की राजनीति की अच्छी समझ रखने वाले सुनील दत्त पांडे ने भी पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत के इसी तरह के एक किस्से की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि नारायण दत्त तिवारी की सरकार में हरक सिंह रावत सबसे मजबूत मंत्री थे, लेकिन वह लगातार अपने विवादित बयानों से इतनी चर्चा में आए कि तिवारी सरकार के दौरान उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. राज्य गठन के बाद उत्तराखंड की राजनीति में विवादित बयान के कारण पहली बार किसी मंत्री की इस्तीफा हुआ था.