
सर्वदलीय बैठक
नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले के बाद 24 अप्रैल 2025 को संसद एनेक्सी में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में सरकार ने निम्नलिखित प्रमुख बिंदु उठाए:
- सुरक्षा में चूक स्वीकार: सरकार ने माना कि पहलगाम हमले में सुरक्षा व्यवस्था में चूक हुई। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि खुफिया एजेंसियों (आईबी) और गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने हमले की संभावना के बारे में पहले जानकारी दी थी, लेकिन इस पर प्रभावी कार्रवाई नहीं हो सकी।
- आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस: सरकार ने अपनी ‘आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस’ नीति को दोहराया। गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने विपक्षी दलों को बताया कि हमले के पीछे पाकिस्तान से जुड़े तार स्पष्ट हैं, और इसके खिलाफ कठोर कदम उठाए जा रहे हैं।
- पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई: सरकार ने सर्वदलीय बैठक में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) के पांच बड़े फैसलों की जानकारी दी, जिनमें सिंधु जल संधि को स्थगित करना, अटारी बॉर्डर चेकपोस्ट बंद करना, पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करना, भारत में पाकिस्तानी उच्चायोग के कर्मचारियों की संख्या घटाना, और पाकिस्तान में भारतीय दूतावास बंद करना शामिल है।
- विपक्ष से एकजुटता की अपील: सरकार ने सभी राजनीतिक दलों से एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में समर्थन मांगा। बैठक में विपक्ष को हमले की जांच और आगे की रणनीति के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। सरकार ने कहा कि यह कदम राष्ट्रीय एकता और पाकिस्तान को कड़ा संदेश देने के लिए हैं।
- सुरक्षा उपायों पर चर्चा: सरकार ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है और एनआईए ने हमले की जांच शुरू कर दी है। दो आतंकियों के स्केच जारी किए गए हैं, और आतंकियों की जानकारी देने वाले को 20 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की गई है।
- संदेशात्मक कदम: असदुद्दीन ओवैसी के सिंधु जल संधि को निष्क्रिय करने की व्यवहार्यता पर सवाल उठाने पर सरकार ने कहा कि यह कदम भारत की मंशा और भविष्य के रुख को दर्शाने के लिए उठाया गया है, ताकि पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश मिले।
बैठक में दो मिनट का मौन रखकर मृतकों को श्रद्धांजलि दी गई। विपक्षी नेताओं, जिसमें राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे शामिल थे, ने सरकार को हर कार्रवाई के लिए पूर्ण समर्थन देने का आश्वासन दिया।