देहरादून। सुप्राडिन, बायर्स कंज्यूमर हेल्थ डिविजन का भारत का अग्रणी मल्टीविटामिन ब्रैंड, ने 10 शहरों में सुप्राडिन फटीग सर्वे किया था। इस सर्वे के तहत किये गये अध्ययन में पता चला कि भारत के 85 प्रतिशत युवा जब सोकर उठते हैं तो उन्हें थकान महसूस होती है। इस स्टडी में और भी कुछ चैंकाने वाले परिणाम मिले हैं। यह सर्वे नेशनल न्यूट्रीशन वीक में जारी किया गया और ‘वन नेशन 100 प्रतिशत न्यूट्रीशन’ के लिये सुप्राडिन के मिशन को आगे बढ़ाता है। इसका लक्ष्य पोषण की बढ़ती कमी पर जागरूकता पैदा करना और लोगों के बीच खुद की देखभाल को बढ़ावा देना है। सर्वे के नतीजों में भारत की कामकाजी आबादी के बीच बढ़ती थकान पर रौशनी डाली गई है और इसमें क्षेत्रीय तथा जनसांख्यिकीय आधार पर महत्वपूर्ण भिन्नताएं मिलती हैं। भारत में युवाओं की बड़ी और उत्साही आबादी है, जो थकान की चुनौतियों से गुजर रही है। सुप्राडिन फटीग सर्वे इस मुद्दे के कारणों पर तुरंत काम करने की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है, ताकि ऊर्जा और तंदुरुस्ती बढ़ाने के लिये सहयोगी उपाय किये जा सकें। यह अध्ययन हंसा रिसर्च ग्रुप ने 10 शहरों में किया था और इसमें एनसीसीएस ए तथा बी श्रेणियों के पुरुष एवं महिला शामिल थीं। यह अध्ययन 20 मिलियन की आबादी का प्रतिनिधित्व करता है। सर्वे में बताया गया है कि 96 प्रतिशत भारतीयों को जरूरी सूक्ष्म-पोषकतत्वों और मल्टीविटामिन्स की कमी का अनुभव होता है, जिससे उनकी ऊर्जा कम रहती है। युवा शहरी भारत के 25-45 वर्षीय आयु समूह में थकान पर किया गया सर्वे बताता है कि 83 प्रतिशत लोगों को थकावट के कारण बार-बार ब्रेक लेने पड़ते हैं, जबकि 74 प्रतिशत लोगों को दिन में नींद आती है या सचेत रहने से उत्पादकता पर असर होता है।
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