
उत्तरका
उत्तरकाशी। 15 अप्रैल 2025 को सिलक्यारा टनल का निर्माण कार्य पूरा हो गया, और टनल पूरी तरह से आर-पार हो चुकी है। इसके साथ ही, टनल के समीप बाबा बौखनाग का भव्य मंदिर बनाया गया है, जिसकी प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन भी किया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस उपलब्धि को बाबा बौखनाग के आशीर्वाद और श्रमिकों के परिश्रम का परिणाम बताया।

2023 हादसे की पृष्ठभूमि: सिलक्यारा टनल में 12 नवंबर 2023 को भूस्खलन के कारण 41 मजदूर 17 दिनों तक फंसे रहे थे। इस रेस्क्यू ऑपरेशन को दुनिया का तीसरा सबसे लंबा बचाव अभियान माना जाता है। सभी मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया गया था, और इस ऑपरेशन में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी नियमित मॉनिटरिंग की थी।

निर्माण में देरी और लागत: 2023 के हादसे के बाद टनल का निर्माण कार्य रुक गया था, जिससे परियोजना लगभग एक साल पीछे चली गई। हादसे के दौरान रेस्क्यू ऑपरेशन पर करीब 100 करोड़ रुपये खर्च हुए, जो निर्माण कंपनी नवयुगा से अभी तक वसूल नहीं किए जा सके। टनल की कुल लागत 853.76 करोड़ रुपये थी, और अब तक 56% कार्य ही पूरा हो सका है।

वर्तमान स्थिति: जनवरी 2025 में केंद्र सरकार से निर्माण कार्य दोबारा शुरू करने की अनुमति मिली। अभी तक 280 मीटर खुदाई हो चुकी है, और केवल 200 मीटर की खुदाई शेष है। टनल की फिनिशिंग का कार्य भी जल्द शुरू होने की उम्मीद है।
यह टनल सिलक्यारा और डंडालगांव के बीच 25 किमी की दूरी को कम करने के लिए बनाई जा रही है, और यह उत्तराखंड की चारधाम परियोजना का हिस्सा है।
