
कैंची धाम
देहरादून। चारधाम यात्रा में यात्रियों की संख्या में 16% की गिरावट आई है, जबकि कैंची धाम में 300% की वृद्धि हुई है। चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत के महासचिव डॉ. बृजेश सती ने इसके लिए सरकारी अव्यवस्थाओं, जटिल पंजीकरण प्रक्रिया और यात्रियों को होने वाली समस्याओं को जिम्मेदार ठहराया। 2024 में चारधाम में 46.20 लाख यात्री आए, जो 2023 के 54.42 लाख से 8.21 लाख कम है। वहीं, कैंची धाम में 1 अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025 तक 24 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। महापंचायत ने दावा किया कि चारधाम के आंकड़ों में एक ही यात्री को चार बार गिनने से संख्या बढ़ाई जाती है।

महापंचायत ने सरकार पर सवाल उठाए, खासकर पंजीकरण की अनिवार्यता और यात्रियों की संख्या सीमित करने पर। स्थानीय तीर्थ पुरोहित, होटल व्यवसायी और ट्रांसपोर्टर नाराज हैं, क्योंकि इससे उनकी आजीविका प्रभावित हुई। दूसरी ओर, कैंची धाम में बेहतर प्रबंधन और प्रचार के कारण श्रद्धालु बढ़े। महापंचायत ने सरकार से चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं में सुधार और धार्मिक मामलों को पर्यटन विभाग से अलग रखने की मांग की।

धामों की दुरी – चारधाम से नजदीक है कैंची धाम: दरअसल चारधाम और कैंची धाम में श्रद्धालुओं के पहुंचने की संख्या उनकी दूरी पर भी निर्भर करती है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से यमुनोत्री की दूरी 400 किलोमीटर से ज्यादा है. दिल्ली से गंगोत्री की दूरी करीब 525 किलोमीटर है. दिल्ली से केदारनाथ की दूरी करीब 450 किलोमीटर है. दिल्ली से बदरीनाथ धाम की दूरी करीब 543 किलोमीटर है. इसके विपरीत दिल्ली से कैंची धाम की दूरी करीब 340 किलोमीटर ही है. चारधाम का रास्ता पहाड़ के दुर्गम स्थानों से है. वहीं कैंची धाम जाने के लिए सिर्फ 40 किलोमीटर ही पहाड़ी रास्ते पर चलना पड़ता है. यही कारण है कि मैदानी इलाकों और एनसीआर में रहने वाले ज्यादातर श्रद्धालु कैंची धाम पहुंचते हैं. इस कारण कैंची धाम में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है.