Kedarnath – कपाट खुलने से अभी तक 20 मई को सबसे ज्यादा यात्रियों ने बाबा केदार के दर्शन किए बीते दिन 37,480 श्रद्धालु केदारनाथ धाम पहुंचे। श्रद्धालुओं के इसी सैलाब को देखते हुए मंदिर समिति ने बाबा केदार के भक्तों के लिए दरबार खुलने का समय बढ़ाने का निर्णय लिया है।
चार धाम यात्रा के कपाट खुलने के बाद से दिन-प्रतिदिन धाम पहुंचने वाले भक्तों की संख्या में भारी इजाफा हो रहा है। प्रत्येक दिन दर्शन करने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या में बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है।
बीकेटीसी ने मंदिर में बढ़ रही श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए केदारनाथ धाम में बाबा केदार के दर्शन का समय बढ़ा दिया है अब से श्रद्धालुओं के लिए बाबा केदार का दरबार बीस घंटे खुला रहेगा। इस दौरान तीर्थयात्रियों को धर्म दर्शन के साथ श्रृंगार, आरती दर्शन के साथ ही विशेष पूजाओं का मौका दिया जा रहा है।
Kedarnath – कपाट खुलने से अब तक 11 दिन बीत चुके हैं और अभी तक 3.19 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने बाबा केदार के दर्शन कर लिए हैं जो पिछले साल की तुलना में अधिक है। 20 मई को सर्वाधिक श्रद्धालुओं ने केदारनाथ धाम के दर्शन किए हैं जिसकी संख्या 37,480 है। भक्तों के सैलाब को देखकर मंदिर समिति ने यह फैसला लिया है।
- सुबह 5 से अपराह्न 3 बजे तक धर्म दर्शन होंगे
- अपराह्न 3 बजे से 5 बजे तक मंदिर सफाई, भोग की व्यवस्था
- शाम 5 से पुन दर्शन, 7 बजे तक श्रृंगार दर्शन होंगे
- शाम 7 से 9 बजे तक श्रृंगार आरती दर्शन होंगे
- रात्रि 9 से 10 बजे तक मंदिर सफाई व्यवस्था होगी
- रात 10 बजे से सुबह 4 बजे तक विशेष पूजाएं होंगी
- सुबह 4 बजे से 5 बजे तक मंदिर सफाई होगी
Kedarnath – केदारनाथ धाम में रात 10 बजे से सुबह 4 बजे तक विशेष पूजाएं होती हैं। हालांकि वर्तमान समय को ध्यान में रखते हुए केवल 15 मिनट की षोडषोपचार पूजा ही की जा रही है। अन्य पूजाओं के लिए पर्याप्त समय न होने के कारण वे नहीं हो पा रही हैं।
रुद्राभिषेक पूजा के लिए 45 मिनट, महाभिषेक के लिए 1 घंटा, और पंचोपचार पूजा के लिए 30 मिनट का समय लगता है। यात्रियों की बड़ी संख्या को देखते हुए सबसे कम समय की पूजा, अर्थात् षोडषोपचार पूजा ही की जा रही है।
केदारनाथ धाम में पहले गर्भगृह में यात्रियों के प्रवेश में कोई परेशानी नहीं होती थी। उस समय तीर्थपुरोहित यात्रियों को गणेश पूजा, गर्भगृह पूजा, स्वयंभू लिंग की पूजा, गर्भगृह की परिक्रमा, लक्ष्मी नारायण, पंच पांडव पूजा, ईशाणनेश्वर मंदिर पूजा, शंकराचार्य समाधि दर्शन आदि पूजन प्रक्रियाओं में शामिल करवाते थे।
भीड़ कम होने के कारण यह व्यवस्था अच्छी तरह से संचालित की जाती थी। लेकिन अब प्रतिदिन रिकॉर्ड संख्या में यात्रियों के आने से यह संभव नहीं हो पा रहा है। इसलिए मंदिर में दर्शन की समयसीमा को बढ़ाया गया है।