
मंजुबाला एवं मनीष ममगाईं राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से किये गए सम्मानित
नई दिल्ली। 5 सितंबर 2025 को शिक्षक दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में एक समारोह में 45 उत्कृष्ट शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार प्रदान किया। ये सभी स्कूल स्तर के 45 शिक्षक हैं, जोकी भारत के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से हैं। समारोह में राष्ट्रपति ने खासकर लड़कियों की शिक्षा और तकनीकी नवाचार पर और शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।
क्या है राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार ?
राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार (National Teachers’ Awards) भारत सरकार द्वारा देश के कुछ उत्कृष्ट शिक्षकों के योगदान को सम्मानित करने के लिए दिया जाने वाला एक प्रतिष्ठित पुरस्कार है। यह पुरस्कार शिक्षक दिवस (5 सितंबर) पर प्रदान किया जाता है, जो डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के अवसर पर मनाया जाता है। इसका उद्देश्य शिक्षकों की अनूठी उपलब्धियों को मान्यता देना और शिक्षा क्षेत्र में उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करना है। प्रत्येक पुरस्कार विजेता को एक पदक, प्रमाणपत्र और 50,000 रुपये की नकद राशि प्रदान की जाती है। यह पुरस्कार प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा स्तर के शिक्षकों को दिया जाता है।
कौन है राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित मंजुबाला? क्या है उनकी उप्लभ्धियाँ?
डॉ. मंजुबाला उत्तराखंड के चंपावत जिले के बाराकोट ब्लॉक के छोटे से गांव च्यूरानी में राजकीय प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका हैं। वे 2005 से इस स्कूल में कार्यरत हैं और शिक्षा के क्षेत्र में अपने नवाचार और समर्पण के लिए जानी जाती हैं। उन्हें 5 सितंबर 2025 को नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया गया। मंजुबाला उत्तराखंड की एकमात्र शिक्षिका हैं, जिन्हें इस वर्ष यह प्रतिष्ठित पुरस्कार मिला।
मंजुबाला की उपलब्धियाँ:
- शिक्षा में नवाचार:
- मंजुबाला ने अपने स्कूल को 2011 में चंपावत जिले का पहला अंग्रेजी माध्यम स्कूल बनाया, जो एक अति दुर्गम क्षेत्र में स्थित है। इस क्षेत्र में विस्थापन और संसाधनों की कमी जैसी चुनौतियाँ हैं, फिर भी उन्होंने स्कूल को एक मॉडल स्कूल में बदल दिया।
- उन्होंने नवीन शिक्षण पद्धतियों जैसे खेल, कहानियाँ, और गतिविधियों के माध्यम से शिक्षा को रोचक बनाया, जिससे बच्चों का सीखने में रुझान बढ़ा।
- दुर्गम क्षेत्रों में योगदान:
- च्यूरानी प्राथमिक विद्यालय तक पहुँचने के लिए शिक्षकों को ढाई किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। इसके बावजूद, मंजुबाला ने ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रों में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए अथक प्रयास किए।
- वे स्थानीय समुदाय को शिक्षा के प्रति जागरूक करती हैं और अभिभावकों का सहयोग लेकर स्कूल के विकास में योगदान देती हैं।
- कोविड-19 के दौरान योगदान:
- महामारी के दौरान मंजुबाला ने बच्चों की पढ़ाई को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से जारी रखा, जिससे शिक्षण प्रक्रिया में कोई रुकावट नहीं आई।
- कुमाऊँनी भाषा में शिक्षण:
- मंजुबाला ने स्थानीय कुमाऊँनी भाषा को शिक्षण में शामिल किया, जिससे बच्चों को अपनी मातृभाषा में सीखने का अवसर मिला और उनकी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ाव बना रहा।
- अन्य पुरस्कार:
- मंजुबाला को शिक्षा और सामाजिक कार्यों के लिए कई अन्य पुरस्कार भी मिले हैं, जिनमें शामिल हैं:
- शैलेश मटियानी राज्य शिक्षक पुरस्कार
- तीलू रौतेली पुरस्कार
- अनमोल रतन पुरस्कार
- आयरन लेडी पुरस्कार
- इंडियन आइकन अवार्ड
- टीचर ऑफ द ईयर अवार्ड
- मंजुबाला को शिक्षा और सामाजिक कार्यों के लिए कई अन्य पुरस्कार भी मिले हैं, जिनमें शामिल हैं:
कौन है राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित NSTI देहरादून के ट्रेनिंग ऑफिसर मनीष ममगाईं? क्या है उनकी उप्लभ्धियाँ
मनीष ममगाईं उत्तराखंड के देहरादून में स्थित राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थान (NSTI) के एक प्रशिक्षण अधिकारी (ट्रेनिंग ऑफिसर) हैं। उन्हें राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया गया है, जो भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा उच्च शिक्षा और पॉलिटेक्निक संस्थानों के उत्कृष्ट शिक्षकों को प्रदान किया जाता है। यह पुरस्कार 5 सितंबर 2025 को नई दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा प्रदान किया गया। मनीष ममगाईं इस वर्ष उत्तराखंड के दो शिक्षकों में से एक हैं, जिन्हें यह प्रतिष्ठित पुरस्कार मिला (दूसरी शिक्षिका मंजुबाला हैं)।
मनीष ममगाईं की उपलब्धियाँ:
मनीष ममगाईं ने तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है। उनकी प्रमुख उपलब्धियाँ निम्नलिखित हैं:
- NSTI देहरादून में योगदान:
- मनीष ममगाईं NSTI देहरादून में प्रशिक्षण अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं, जो 1982 में भारत सरकार के श्रम मंत्रालय के तहत स्थापित एक संस्थान है। यह संस्थान इलेक्ट्रिशियन, इलेक्ट्रॉनिक मैकेनिक, कंप्यूटर हार्डवेयर और नेटवर्किंग मेंटेनेंस, और कंप्यूटर सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन जैसे ट्रेडों में प्रशिक्षण प्रदान करता है।
- उन्होंने अपने शिक्षण में नवीन तकनीकों और प्रौद्योगिकी-केंद्रित दृष्टिकोण को अपनाया, जिससे छात्रों की कौशल-आधारित कार्यकुशलता में सुधार हुआ।
- कौशल विकास में नवाचार:
- मनीष ममगाईं ने बी.टेक, एम.एससी (इलेक्ट्रॉनिक्स), बी.एससी (आईटी), और डिप्लोमा छात्रों के लिए ग्रीष्मकालीन, प्रायोगिक, और औद्योगिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों को डिज़ाइन और संचालित किया। ये कार्यक्रम कौशल-केंद्रित और नवीन प्रौद्योगिकी पर आधारित हैं, जो उद्योग की मांगों के अनुरूप हैं।
- उनके प्रशिक्षण ने छात्रों को तकनीकी और व्यावहारिक कौशल प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे वे रोजगार के लिए बेहतर तैयार हुए।
- राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2025:
- मनीष ममगाईं को शिक्षा मंत्रालय द्वारा उच्च शिक्षा संस्थानों और पॉलिटेक्निक में उत्कृष्ट शिक्षकों की श्रेणी में चुना गया। यह पुरस्कार उनके शिक्षण में उत्कृष्टता, नवाचार, और छात्रों के विकास में योगदान के लिए दिया गया।
- पुरस्कार के तहत उन्हें एक मेरिट सर्टिफिकेट, 50,000 रुपये की नकद राशि, और एक रजत पदक प्रदान किया गया।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप कार्य:
- मनीष ममगाईं ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत प्रेरित और सक्षम संकाय के महत्व को बढ़ावा दिया। उनके प्रयासों ने शिक्षा प्रणाली में उत्कृष्टता की संस्कृति को विकसित करने में योगदान दिया, जैसा कि NEP 2020 में उल्लेखित है।
- दुर्गम क्षेत्रों में प्रभाव:
- NSTI देहरादून ग्रीन पार्क, निरंजनपुर में स्थित है, और मनीष ममगाईं ने इस क्षेत्र में तकनीकी शिक्षा को सुलभ और प्रभावी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके कार्य ने स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर छात्रों को सशक्त बनाया।