
अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाला,
अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाले में कुछ मदरसे, संस्कृत विद्यालय और अन्य शिक्षण संस्थाएं शामिल हैं
देहरादून। उत्तराखंड में अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाला राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल (एनएसपी) पर पंजीकृत कुछ शिक्षण संस्थानों द्वारा फर्जी दस्तावेजों और अनियमितताओं के माध्यम से अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति राशि के गबन से संबंधित है। इस घोटाले में कुछ संस्थानों, जैसे मदरसे, संस्कृत विद्यालय और अन्य शिक्षण संस्थानों ने कथित तौर पर फर्जी आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र और छात्रों की संख्या से संबंधित दस्तावेजों का उपयोग करके छात्रवृत्ति राशि हासिल की।
MINORITY SCHOLARSHIP SCAM UTTARAKHAND – विशेष रूप से, उधम सिंह नगर जिले में सरस्वती शिशु मंदिर हाई स्कूल को कागजों में अल्पसंख्यक विद्यालय या मदरसा दिखाकर 154 मुस्लिम बच्चों के नाम पर छात्रवृत्ति प्राप्त करने का मामला सामने आया, जबकि यह स्कूल अल्पसंख्यक संस्थान नहीं है। केंद्र सरकार के 2021-22 और 2022-23 सत्र के आंकड़ों के अनुसार, राज्य की 92 संस्थाएं संदेह के घेरे में हैं, जिनमें से 17 संस्थाओं में प्राथमिक जांच में गबन की पुष्टि हुई है।
MINORITY SCHOLARSHIP SCAM UTTARAKHAND – सीएम धामी ने कहा कि भ्रष्टाचारियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने इस मामले में सख्त कार्रवाई की बात कही और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इन अनियमितताओं की गहन जांच के लिए विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठन के निर्देश दिए। इस जांच में शामिल संस्थानों और संबंधित अधिकारियों की भूमिका की भी समीक्षा होगी।
MINORITY SCHOLARSHIP SCAM UTTARAKHAND – विशेष सचिव को जांच के आदेश: सरस्वती शिशु मंदिर जैसे मामलों में धामी ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के विशेष सचिव को गहन जांच के आदेश दिए। उधम सिंह नगर में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी नंदिनी सिंह को दो सप्ताह में जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया।
MINORITY SCHOLARSHIP SCAM UTTARAKHAND – धामी ने स्पष्ट किया कि उत्तराखंड में छात्रवृत्ति जैसे कल्याणकारी कार्यक्रमों में किसी भी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल पर संदिग्ध प्रविष्टियों की जांच पूरे राज्य में की जा रही है और केंद्र सरकार के मंत्रालय से भी संवाद किया जा रहा है।
जांच में 796 बच्चों के दस्तावेजों की जांच की गई, जिनमें से 456 संदिग्ध पाए गए। काशीपुर, बाजपुर और गदरपुर के कुछ मदरसों के संचालकों और उनके दस्तावेजों की भी जांच के आदेश दिए गए हैं।
केंद्र सरकार ने सात बिंदुओं पर जांच के निर्देश दिए हैं, जिसमें फर्जी मामलों की पहचान और प्राथमिकी दर्ज करना शामिल है।
सीएम धामी ने इस मामले में पारदर्शिता और सख्ती के साथ कार्रवाई का वादा किया है, ताकि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जा सके और छात्रवृत्ति योजनाओं का लाभ सही हकदारों तक पहुंचे।