
RAIN IN UTTARAKHAND
उत्तराखंड में हो रही बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ा.
देहरादून। उत्तराखंड में मॉनसून पूरी तरह से सक्रिय हो गया है. मौसम विभाग ने तीन दिन तक प्रदेश के विभिन्न जिलों में भारी से भारी बारिश की संभावना जताई थी. 29 और 30 जून को देहरादून समेत उत्तरकाशी, टिहरी, रुद्रप्रयाग, पौड़ी, नैनीताल, चंपावत, उधम सिंह नगर और हरिद्वार जिले को मौसम विभाग ने अत्यधिक भारी बारिश को देखते हुए रेड अलर्ट पर रखा है.
28 और 29 जून 2025 को उत्तराखंड में भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं ने कई क्षेत्रों में तबाही मचाई। निम्नलिखित प्रमुख घटनाएँ और नुकसान की जानकारी:
प्रमुख घटनाएँ:
- उत्तरकाशी में बादल फटना:
- स्थान: बड़कोट-यमुनोत्री मार्ग पर सिलाई बैंड के पास, उत्तरकाशी।
- घटना: 29 जून को देर रात बादल फटने से भारी तबाही हुई। एक निर्माणाधीन होटल साइट क्षतिग्रस्त हो गई, जिसमें 8-9 मजदूर लापता हो गए। यमुनोत्री मार्ग भी प्रभावित हुआ।
- नुकसान: मजदूरों के लापता होने के अलावा, सड़कें और यातायात व्यवस्था बाधित हुई। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
- रुद्रप्रयाग में बस दुर्घटना:
- बागेश्वर में भारी बारिश और भूस्खलन:
- स्थान: कपकोट के भनार गांव, बागेश्वर।
- घटना: 28-29 जून को मूसलाधार बारिश के कारण एक मकान ढह गया। 35 से अधिक सड़कें बंद हो गईं। कई गांवों में बिजली लाइनें टूट गईं।
- नुकसान: मकान क्षतिग्रस्त, बिजली और सड़क यातायात प्रभावित।
- चमोली में सड़कें अवरुद्ध:
- उत्तरकाशी में यमुनोत्री हाइवे पर भूस्खलन:
- नैनीताल में विधायक की तबीयत बिगड़ी:

समग्र प्रभाव और नुकसान:
- सड़कें अवरुद्ध: पूरे उत्तराखंड में 28-29 जून को भारी बारिश के कारण 72 सड़कें बंद हो गईं, खासकर चमोली, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में।
- चारधाम यात्रा पर असर: भारी बारिश और भूस्खलन के कारण चारधाम यात्रा 29 जून को एक दिन के लिए स्थगित कर दी गई।
- मौसम अलर्ट: उत्तराखंड में भारी बारिश और गरज-चमक के साथ रेड अलर्ट जारी किया गया, खासकर देहरादून, टिहरी, पौड़ी, हरिद्वार, चंपावत, नैनीताल, उधम सिंह नगर और बागेश्वर में।
- आर्थिक नुकसान: सटीक आर्थिक नुकसान का आकलन उपलब्ध नहीं है, लेकिन सड़कों, मकानों और बुनियादी ढांचे को व्यापक क्षति हुई। 2024 में आपदाओं से 154 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था, और 2025 की इन घटनाओं से भी करोड़ों का नुकसान होने की संभावना है।
मौसम की स्थिति:
- मौसम विभाग ने 29 जून को भारी बारिश और बादल फटने की चेतावनी दी थी, जिसके कारण कई क्षेत्रों में तबाही हुई। उत्तराखंड में मानसून की सक्रियता के कारण भूस्खलन और बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।