
कुलाऊं की महिलाओं ने जिलाधिकारी को दिया ज्ञापन
बागेश्वर। विद्यालय बंद होने की सुगबुगाहट से कुलाऊं गांव से महिलाओं की एक टोली बागेश्वर जिला अधिकारी के कार्यालय पंहुचा, जहां उन्होंने जिला अधिकारी को ज्ञापन दिया, जिलाधिकारी ने महिलाओं को आश्वासन दिया कि अभी सभी स्कूलों का सर्वे किया जाएगा उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी
बेहतर शिक्षा देने के लिए जगह-जगह खोले गए स्कूल अब बंद होंगे। क्लस्टर विद्यालय योजना को लागू कर कई विद्यालयों का इनमें समायोजन होगा। सीमांत जिले में क्लस्टर योजना धरातल पर उतरी तो 46 हाईस्कूल और इंटर कॉलेजों को बंद कर इनमें ताले लटका दिए जाएंगे। विद्यार्थियों की चहलकदमी से गुलजार लाखों रुपये से बने विद्यालय भवन वीरान हो जाएंगे। इन सभी विद्यालयों का क्लस्टर विद्यालयों में समायोजन करने की योजना है।

स्थानीय स्तर पर विद्यार्थियों को शिक्षा दिलाने के उद्देश्य से जगह-जगह हाईस्कूल और इंटर कॉलेज खोले गए हैं। इन विद्यालयों में 6 हजार से अधिक विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। जल्द ही अधिकांश हाईस्कूल और इंटर कॉलेजों में ताले लटकने की आशंका बढ़ गई है। छात्रसंख्या कम होने से सरकार ने क्लस्टर विद्यालय योजना लागू करने की रूपरेखा तय की है।
जिले में 30 क्लस्टर विद्यालय खुलेंगे। इनमें 46 हाईस्कूल और इंटर कॉलेजों का समायोजन होगा। यह योजना धरातल पर उतरी तो इन सभी विद्यालयों में ताले लटक जाएंगे और इनमें पढ़ने वाले सभी विद्यार्थी क्लस्टर विद्यालयों में शिफ्ट होंगे। इन विद्यालयों के करोड़ों रुपये से बने भवन बगैर विद्यार्थियों की चहलकदमी से वीरान हो जाएंगे।
2014-15 से 2023-24 के बीच भारत में कुल 89,441 सरकारी स्कूल बंद या मर्ज किए गए। नीचे विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सरकारी स्कूलों की संख्या में कमी का विवरण दिया गया है, जो उपलब्ध आंकड़ों पर आधारित है:
राज्य-वार सरकारी स्कूलों की कमी (2014-15 से 2023-24):
- मध्य प्रदेश: 29,410 स्कूल बंद (कुल कमी का 32.9%)। 2014-15 में 1,21,849 स्कूल थे, जो 2023-24 में घटकर 92,439 रह गए।
- उत्तर प्रदेश: 25,126 स्कूल बंद (कुल कमी का 28%)। 2014-15 में 1,63,142 स्कूल थे, जो 2023-24 में घटकर 1,37,068 रह गए।
- जम्मू और कश्मीर: 21.4% की कमी (लगभग 4,800 स्कूल, अनुमानित)। सटीक संख्या उपलब्ध नहीं, लेकिन प्रतिशत के आधार पर कमी।
- ओडिशा: 17.1% की कमी (लगभग 7,500 स्कूल, अनुमानित)।
- अरुणाचल प्रदेश: 16.4% की कमी (लगभग 600 स्कूल, अनुमानित)।
- नागालैंड: 14.4% की कमी (लगभग 300 स्कूल, अनुमानित)।
- झारखंड: 13.4% की कमी (लगभग 5,400 स्कूल, अनुमानित)।
- गोवा: 12.9% की कमी (लगभग 100 स्कूल, अनुमानित)।
- उत्तराखंड: 8.7% की कमी (लगभग 1,600 स्कूल, अनुमानित)।
अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों:
- बिहार और पश्चिम बंगाल में सरकारी स्कूलों की संख्या में वृद्धि देखी गई। बिहार में स्कूलों की संख्या 72,590 से बढ़कर 75,555 और पश्चिम बंगाल में 82,876 से बढ़कर 83,379 हो गई।
- अन्य राज्यों जैसे हिमाचल प्रदेश, असम, आंध्र प्रदेश, और राजस्थान में भी स्कूलों की संख्या में कमी देखी गई, लेकिन सटीक आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। इन राज्यों में स्कूलों का उपयोग कम होने की बात सामने आई है।
- केंद्र शासित प्रदेशों में भी कुछ कमी देखी गई, लेकिन विशिष्ट आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं।
टिप्पणी:
- कुल कमी: 2014-15 में देश में 11,07,101 सरकारी स्कूल थे, जो 2023-24 में घटकर 10,17,660 रह गए।
- प्रमुख कारण: कम नामांकन (विशेषकर 50 से कम छात्रों वाले स्कूल), स्कूल रेशनलाइजेशन नीति, और संसाधनों का समेकन।
- देश में अतिरिक्त मर्जर: 27,762 स्कूलों को मर्ज करने की योजना है, जिससे शिक्षकों और कर्मचारियों के पद प्रभावित होंगे।
- कुछ आंकड़े अनुमानित हैं, क्योंकि सभी राज्यों के लिए सटीक संख्या उपलब्ध नहीं है। जहां सटीक आंकड़े नहीं हैं, वहां प्रतिशत के आधार पर अनुमान लगाया गया है।
- बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में सरकारी स्कूलों की संख्या में वृद्धि के बावजूद, राष्ट्रीय स्तर पर कमी का रुझान प्रमुख है।
स्रोत:
- हिंदुस्तान टाइम्स, 3 फरवरी 2025hindi.sabrangindia.in
- एबीपी लाइव, 10 जुलाई 2025abplive.com
- नवभारत टाइम्स, 10 मई 2022navbharattimes.indiatimes.com
- X पर पोस्ट्स/ Grok
कुछ राज्यों के लिए सटीक आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं, और अनुमानित संख्या कुल स्कूलों और कमी के प्रतिशत पर आधारित है।