
हरीश रावत न्याय यात्रा
हरीश रावत ने बीजेपी के दुष्प्रचार को चुनौती देते हुए, बीजेपी साबित करने को कहा
थराली। कांग्रेस के दिग्गज नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बुधवार को थराली पहुंचकर भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा. हरीश रावत ने कहा झूठ के गर्भ से पैदा हुई सरकार ने उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिये हैं. हरीश रावत ने कहा आज उत्तराखंड में काम, कागज बिना सेवा मूल्य दिये पूरे नहीं हो रहे हैं. उन्होंने कहा आज प्रदेश में केवल बीजेपी के लोग खुश हैं, क्योंकि उनको कट मिल जा रहा है.
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा चुनावों में केवल झूठ परोसने का काम करती है. उन्होंने कहा भाजपा ने 2022 के चुनाव में मेरे खिलाफ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का दुष्प्रचार करते हुए झूठ फैलाया. नमाज की छुट्टी को लेकर भी भाजपा ने दुष्प्रचार किया. उन्होंने कहा न्याय यात्रा के जरिये भाजपा को खुली चुनौती देता हूं कि मेरे इस बयान को लेकर अखबार की कटिंग, किसी न्यूज चैनल में दिए गए मेरे बयान को सामने लाये तो मैं उसे पचास हजार ,एक लाख नहीं बल्कि अपनी पूरी चल अचल संपत्ति इनाम के तौर पर दे दूंगा.

हरीश रावत ने बेरोजगारी ,महंगाई और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बोलते हुए भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर हमला किया. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में बेरोजगारी, महंगाई चरम पर है. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा न्याय यात्रा के जरिये कांग्रेस भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ जनता के बीच जा रही है.
हरीश रावत ने धामी सरकार पर कई मौकों पर तीखी टिप्पणियाँ की हैं। उन्होंने धामी सरकार के तीन साल के कार्यकाल को उत्तराखंड के लिए कष्टपूर्ण बताया, जिसमें बेरोजगारी, नशे की प्रवृत्ति, महिलाओं और दलितों का उत्पीड़न, और खराब सड़कों जैसी समस्याओं का जिक्र किया। रावत ने सरकार पर तीर्थ पुरोहितों और हक-हकूकधारियों के अधिकारों के हनन का आरोप लगाया, विशेषकर केदारनाथ और बदरीनाथ में। उन्होंने चारधाम यात्रा के कुप्रबंधन और तीर्थस्थानों के सरकारी नियंत्रण के कानून को गलत ठहराया। इसके अलावा, उन्होंने केदारनाथ आपदा में प्रभावित व्यापारियों को राहत न देने और केदारनाथ की शिला को दिल्ली ले जाने जैसे मुद्दों पर भी सरकार की आलोचना की। रावत ने पुलिस भर्ती में महिलाओं को शामिल करने की मांग भी उठाई। कुल मिलाकर, उनकी टिप्पणियाँ धामी सरकार की नीतियों और प्रशासनिक विफलताओं पर हमलावर रही हैं।