
पकड़े गए आरोपी
आरोपी करीब 60 से 70 लाख रुपए का गोल्ड लोन ले चुका है.
हल्द्वानी। बैंक में नकली सोना गिरवी रखकर गोल्ड लोन लेने वाले गिरोह का नैनीताल पुलिस ने भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. एसएसपी नैनीताल प्रहलाद नारायण मीणा ने हल्द्वानी में इस पूरे मामले का खुलासा किया.
नैनीताल एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा के मुताबिक हल्द्वानी के अलग-अलग थानों में गोल्ड लोन देने वाले बैंकों की तरफ से 6 मुकदमे दर्ज किए गए थे. आरोप है कि कुछ लोगों ने नकली सोना को असली सोना बताकर बैंकों से गिरवी रखा और फिर उस पर गोल्ड लोन लिया.
पुलिस का कहना है कि ये गिरोह इतना शातिर है कि आरोपियों ने बैंक को अपने दस्तावेज भी फर्जी जमा दिए, ताकि बाद में कोई पकड़ा भी न जा सके. वैसे पुलिस को शुरुआती जांच में ही एक कड़ी मिल गई थी, जिसके आधार पर पुलिस गिरोह तक पहुंची. इसके बाद मामले का खुलासा करने के लिए पुलिस टीम का गठन किया गया.
जांच के दौरान ही पुलिस और एसओजी की टीम को गिरोह के दो सदस्य के बारे में सूचना मिली. मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने नैनीताल रोड से अभिषेक सिंह नेगी व पवन सिंह फर्स्वाण को पकड़ा. पुलिस को दोनों के पास से 111 ग्राम नकली सोने की कूटरचित होलोग्राम अंकित चूड़ियां मिली, जो जांच में भी नकली निकली. इसके बाद पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया.
पुलिस ने जब आरोपियों से पूछताछ की तो उन्होंने बैंकों में नकली सोना रखकर गोल्ड लोन लेने का जुर्म कबूल किया. पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि उनके गिरोह में एक व्यक्ति अल्मोड़ा का है और कुछ लोग दिल्ली के है, वो लोग दिल्ली से बहुत कम दाम पर नकली सोना लाते है, जिस पर हॉलमार्क लगवा लेते हैं, जिससे कि इस सोने के असली होने की पहचान बैंक वाले भी नहीं कर पाते हैं.
पुलिस के मुताबिक आरोपी नकली सोने को ऐसे बैंकों में गिरवी रखकर गोल्ड लोन लेते है, जो सोने की ज्यादा जांच नहीं करते हैं. गोल्ड लोन से जो पैसा मिलता है, उसे आपस में बराबर-बराबर बांट लेते है. पकड़े गए आरोपी अखिलेश सिंह नेगी पर अलग-अलग बैंकों से लगभग 60-70 लाख रुपये के गोल्ड लोन लिये जाने की बात सामने आई है.
अखिलेश सिंह नेगी मूल रूप से भाषौली थाना सोमेश्वर जनपद अल्मोड़ा का रहने वाला है, जबकि पान सिंह फर्स्वाण थाना कपकोट बागेश्वर का रहने वाला है. एसएसपी नैनीताल प्रहलाद नारायण मीणा बताया कि आरोपियों से गिरोह के अन्य लोगों के संबंध में पूछताछ की जा रही है. गिरोह में कौन-कौन लोग शामिल है और बैंक के कर्मचारी तो सम्मिलित नहीं है. इसकी भी जांच की जा रही हो.