
चोरी हुआ कलश
दिल्ली। दिल्ली के लाल किले में 2 सितंबर 2025 को एक जैन धार्मिक अनुष्ठान के दौरान चोरी का मामला हुआ, जो 15 अगस्त से 9 सितंबर तक लाल किले के परिसर में चल रहा था। इस घटना में एक बेशकीमती कलश चोरी हो गया, जिसकी कीमत लगभग 1 करोड़ रुपये बताई जा रही है। यह कलश 760 ग्राम शुद्ध सोने से बना है और इसमें 150 ग्राम हीरे, माणिक्य, और पन्ना जड़े हुए थे। यह कलश दिल्ली के सिविल लाइंस निवासी व्यापारी सुधीर जैन का था, जो प्रतिदिन पूजा के लिए इसे लाते थे।
यह चोरी मंगलवार, 2 सितंबर 2025 को उस समय हुई, जब अनुष्ठान में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला बतौर विशेष अतिथि शामिल हुए थे। उनके स्वागत के दौरान मंच पर रखा कलश अचानक गायब हो गया।

आयोजकों और श्रद्धालुओं के स्वागत में व्यस्त होने के कारण उत्पन्न अफरातफरी का फायदा उठाकर चोर ने कलश चुरा लिया। शुरुआत में आयोजकों को लगा कि कलश कहीं दब गया हो, लेकिन विस्तृत तलाशी के बाद चोरी की पुष्टि हुई।
दिल्ली पुलिस ने घटनास्थल के सीसीटीवी फुटेज की जांच की, जिसमें संदिग्ध की गतिविधियां कैद हुई हैं। कोतवाली एसीपी शंकर बनर्जी के नेतृत्व में एक जांच टीम गठित की गई है।
पुलिस ने दावा किया है कि संदिग्ध की पहचान कर ली गई है और जल्द ही उसकी गिरफ्तारी की जाएगी। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या यह चोरी पूर्व नियोजित साजिश थी और इसमें अन्य लोग शामिल थे या नहीं।

आयोजक पुनीत जैन ने दावा किया कि संदिग्ध ने धार्मिक वेशभूषा धारण की थी और संभवतः वह पहले भी तीन अन्य मंदिरों में चोरी कर चुका है।
इस घटना ने लाल किले की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं, खासकर तब जब यह ऐतिहासिक स्थल राष्ट्रीय महत्व का है और स्वतंत्रता दिवस जैसे बड़े आयोजनों का केंद्र रहता है। क्योंकि इससे पहले भी 2 अगस्त 2025 को एक मॉक ड्रिल के दौरान सुरक्षा में चूक सामने आई थी, जब पुलिसकर्मी नकली बम का पता नहीं लगा पाए थे।
यह घटना न केवल एक बड़ी चोरी है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि भीड़ और अफरातफरी का फायदा उठाकर उच्च सुरक्षा वाले स्थानों में भी चोर आसानी से वारदात को अंजाम दे सकते हैं। पुलिस की त्वरित कार्रवाई और सीसीटीवी फुटेज से संदिग्ध की पहचान होने से जल्द ही मामले के खुलासे की उम्मीद है।