
रेस्क्यू बोट से पहुंचाया जा रहा सामान
उत्तरकाशी। धराली-हर्षिल क्षेत्र में 5 अगस्त 2025 को आई प्राकृतिक आपदा के कारण सड़क मार्ग बुरी तरह बाधित हो गए हैं। भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन से खीर गंगा नदी में उफान और मलबे ने धराली गांव और आसपास के क्षेत्रों में भारी तबाही मचाई, जिससे गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग कई जगह क्षतिग्रस्त हो गया। हर्षिल में भागीरथी नदी पर बनी एक अस्थायी झील ने स्थिति को और जटिल कर दिया, जिससे हेलीपैड और 250 मीटर सड़क जलमग्न हो गई।

सोनगाड़ क्षेत्र में राहत कार्यों के लिए रेस्क्यू बोट के माध्यम से गैस सिलेंडर और अन्य आवश्यक सामग्री भेजी जा रही है। सड़क मार्ग के अवरुद्ध होने और खराब मौसम के कारण हेली सेवा प्रभावित होने से खच्चरों और रेस्क्यू बोट का उपयोग हो रहा है। हर्षिल में राशन और गैस सिलेंडर की कमी गंभीर समस्या बनी हुई है, जिसके कारण कई होटल और होम-स्टे बंद हो गए हैं।

बचाव कार्यों में भारतीय सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, और आईटीबीपी युद्धस्तर पर लगे हैं। अब तक 1400 से अधिक लोगों को हेलीकॉप्टर द्वारा सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। भागीरथी नदी पर बनी झील के पानी को नियंत्रित तरीके से निकालने के लिए चैनल खोदे गए हैं, जिससे जलस्तर कम हो रहा है।
हालांकि, लगातार बारिश और बढ़ता जलस्तर राहत कार्यों में बाधा डाल रहा है। मौसम विभाग ने भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है, जिससे भूस्खलन और बाढ़ का खतरा बना हुआ है।