22 जुलाई को भारतीय नौसेना के युद्धपोत INS ब्रह्मपुत्र में आग लग गई. अधिकारियों ने जानकारी दी है कि जब मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड में इसकी (INS Bramhaputra) मरम्मत की जा रहा थी, तब आग लगी. जानकारी के मुताबिक़, एक जूनियर नाविक लापता है और बचाव दल उनकी तलाश कर रहे हैं.
अधिकारियों ने बताया कि जहाज के चालक दल ने नौसेना डॉकयार्ड और बंदरगाह में मौजूद बाक़ी जहाजों से अग्निशमन कर्मियों के साथ मिलकर आग पर क़ाबू पा लिया. आगे कोई जोख़िम न हो, इसके आकलन के लिए सैनिटाइज़ेशन जांच सहित सभी कार्रवाई कर दी गई.
नौसेना प्रमुख ऐडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को आग और लापता नाविक के बारे में जानकारी दी.
हालांकि, दोपहर में जहाज एक तरफ़ (बंदरगाह की तरफ़) बुरी तरह से झुकने लगा था. तमाम कोशिशों के बावजूद जहाज को वापस सीधा नहीं किया जा सका. सूत्रों ने बताया कि INS ब्रह्मपुत्र अपने बर्थ के साथ-साथ और भी झुकता जा रहा है और फ़िलहाल एक तरफ़ टिका हुआ है.
INS ब्रह्मपुत्र एक ताक़तवर युद्धपोत है, जिसे अलग-अलग मिशन के लिए डिज़ाइन किया गया है. कोलकाता के ‘गार्डन रीच शिपयार्ड ऐंड इंजीनियर्स’ का बनाया हुआ ‘ब्रह्मपुत्र’ श्रेणी का पहला गाइडेड-मिसाइल फ्रिगेट है. अप्रैल, 2000 में इसे भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था. 40 अफ़सरों और 330 नाविकों के क्रू वाले इस जहाज में मध्यम दूरी, नज़दीकी दूरी और विमान भेदी बंदूकें, मिसाइलें और टारपीडो लॉन्चर लगे हुए हैं. जहाज में समुद्री युद्ध के सभी पहलुओं को कवर करने वाले सेंसर्स हैं. साथ ही ये क्षमता भी है कि सीकिंग और चेतक हेलीकॉप्टरों उड़ सकें.
नौसेना के जहाज में आग लगने की यह पहली घटना नहीं है. 2010 से अब तक कम से कम 20 दुर्घटनाएं या आग लगने की घटनाएं हुई हैं, जिनमें कई नौसेना कर्मियों ने अपनी जान गंवाई है.