
ALMORA DIGITAL ARREST
अल्मोड़ा। उत्तराखंड में साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट के जरिए बुजुर्गों से 82 लाख रुपये से अधिक की ठगी की। ठगों ने फर्जी जांच एजेंसियों के नाम पर फोन कर बुजुर्गों को डराया और कई दिनों तक “डिजिटल कैद” में रखकर पैसे ऐंठे। अल्मोड़ा पुलिस ने दो अभियुक्तों, जुनेजा दिलावर और मंडलिया निशित, को गुजरात से गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई एसएसपी अल्मोड़ा के नेतृत्व में हुई।
ALMORA DIGITAL ARREST – पुलिस की सक्रियता से आरोपी गिरफ्तार: लाखों की ठगी होने के मामले में 15 अप्रैल को पूर्ण चन्द्र जोशी व उसकी बहन भगवती पांडे ने पुलिस में तहरीर दी थी. तहरीर में उन्होंने बताया कि उनके मोबाइल पर अज्ञात व्यक्ति ने वीडियो कॉल किया, उन्हें 23 मार्च से 7 अप्रैल तक डिजिटल अरेस्ट रखते हुए कुल 75 लाख 73 हजार की ठगी की. मामले में शिकायत मिलने के बाद अल्मोड़ा कोतवाली में अज्ञातों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. एसएसपी देवेंद्र पींचा ने पुलिस टीम का गठन कर जल्द साइबर ठगी को गिरफ्तार करने के निर्देश दिए.
सर्विलांस की मदद से आरोपी की तलाश – जिसके बाद पुलिस मामले की तहकीकात में जुटी थी. एसएसआई अजेंद्र प्रसाद ने शिकायतकर्ता पूर्ण चन्द्र व भगवती पांडे के उन बैंक खातों को खंगाला, जहां लाखों की धनराशि भेजी गयी थी. इसके बाद पुलिस टीम गठित की गई. पुलिस ने सर्विलांस की मदद से आरोपी की तलाश शुरू की. 9 मई को एक आरोपी जुनेजा दिलावर को गुजरात के मोरवी राजकोट से अरेस्ट कर लिया गया.
देवेंद्र पींचा, अल्मोड़ा एसएसपी – डिजिटल अरेस्ट के दो मामले आए थे, दोनों मामले के अभियुक्तों को गिरफ्तार किया जा चुका है. यदि कोई वीडियो कॉल कर आपको पुलिस अधिकारी बनकर या जज बनकर संपर्क करता है और पैसे मांगता है तो वह ठग हो सकते हैं. ऐसे कॉल आने पर तुरंत पुलिस को सूचना दें और पुलिस आपकी मदद करेगी. ऐसे मामलों में सतर्क बने रहें.
ALMORA DIGITAL ARREST – भाई बहन से ऐसे की गई ठगी: 23 मार्च को पूर्ण चन्द्र जोशी व उनकी बहन भगवती को अज्ञात व्यक्ति ने वीडियो कॉल किया. ठगों ने दोनों भाई बहन को पुलिस अधिकारी बनकर उनकी आईडी बच्चों के अपहरण वाले गिरोह से लगी होने की बात बताई. साथ ही ठगों ने उनकी भूमिका संदिग्ध होने व उन्हें गिरफ्तार करने का भय दिखाया, जिससे दोनों काफी डर गए.
ALMORA DIGITAL ARREST – ठगी ने खातों की जांच करने और उनके खाते में जमा धनराशि को उनके बताये गये खातों में भेजने को कहा. साथ ही इस अवधि में किसी से बात ना करने की धमकी दी गई और जांच पूरी होने के बाद सही पाए जाने पर उनकी धनराशि को वापस लौटाने की बात कही गई. ठगों ने 23 मार्च से 7 अप्रैल तक डिजिटल अरेस्ट कर 8 बार विभिन्न तिथियों में कुल 75 लाख 73 हजार अपने खातों में मंगवाए. ठगी का अहसाल होने के बाद दोनों पुलिस के पास पहुंचे.
ALMORA DIGITAL ARREST – साइबर ठगी का दूसरा मामला: वहीं एक दूसरे मामले में लमगड़ा थाने में 21 फरवरी को लमगड़ा बर्गला निवासी जीवन सिंह मेहता को 5 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट कर 7 लाख से अधिक की धनराशि ठग ली गई. अज्ञात ठगों ने सीबीआई ऑफिसर बनकर वीडियो कॉल किया था और डिजिटल अरेस्ट कर मनी लॉन्ड्रिंग केस में संलिप्त होने का डर दिखाकर बुजुर्ग से 7 लाख 20 हजार रुपए ठग लिए थे. जिसके बाद पुलिस ने दो आरोपियों को खरगौन मध्य प्रदेश से गिरफ्तार किया था. आरोपियों से पूछताछ में गिरोह के अन्य सदस्यों के बारे में जानकारी मिली थी, जिसके बाद पुलिस ने एक और आरोपी मंडलिया निशित को जामनगर गुजरात से गिरफ्तार किया है.
ALMORA DIGITAL ARREST – डिजिटल अरेस्ट एक नया साइबर अपराध है, जिसमें ठग सरकारी अधिकारी बनकर वीडियो कॉल या फोन के जरिए लोगों को डराते हैं, खासकर बुजुर्गों को, और उनसे पैसे ट्रांसफर करवाते हैं। सावधानी के लिए अनजान कॉल्स पर भरोसा न करें और तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत करें।