देहरादून में ड्रोन से कंट्रोल होगा एयर पॉल्यूशन
देहरादून। देहरादून सहित उत्तराखंड के कई शहरों में दिवाली के दौरान वायु प्रदूषण एक बड़ी चुनौती रहा है, लेकिन इस बार उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (PCB) ने एक अनोखी पहल की। बोर्ड ने पहली बार ड्रोन का इस्तेमाल करके हवा में पानी का छिड़काव किया, ताकि धूल कणों और प्रदूषकों को कम किया जा सके। यह प्रयास विशेष रूप से देहरादून और काशीपुर में किया गया, जहां दिवाली से पहले ही एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) में बढ़ोतरी देखी जा रही थी।

प्रयास की शुरुआत और तरीका
- कब और कहां: 31 अक्टूबर 2024 को (दिवाली के ठीक पहले) देहरादून और काशीपुर में यह प्रयोग शुरू किया गया। देहरादून के प्रमुख प्रदूषण वाले इलाकों जैसे ISBT, दिलराम चौक, राजपुर, जोगीवाला, नेहरू कॉलोनी और बंगाली कोठी में हर दो घंटे में ड्रोन से पानी छिड़का गया। काशीपुर में सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक राज्यीय अस्पताल और छत्री चौक पर यह काम चला।
- ड्रोन की क्षमता: प्रत्येक ड्रोन में 11 लीटर पानी भरा जाता था, जो हवा में महीन धुंध (मिस्ट) के रूप में छिड़का जाता था। इससे हवा में तैरते धूल कणों को जमीन पर उतारा जा सका।
- उद्देश्य: दिवाली की आतिशबाजी से बढ़ने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करना। PCB ने 24 अक्टूबर से ही देहरादून, ऋषिकेश, काशीपुर, टिहरी, रुद्रपुर, हल्द्वानी और नैनीताल जैसे शहरों में हवा और शोर प्रदूषण की निगरानी शुरू कर दी थी।
PCB के सदस्य सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते ने कहा, “ड्रोन से पानी छिड़काव से धूल कणों और अन्य प्रदूषकों में कमी आई है। यह राज्य में पहली बार किया गया प्रयास है, जो AQI सुधारने में प्रभावी साबित हो रहा है।” बोर्ड ने इसकी सफलता पर ऋषिकेश में भी इसे बढ़ाने की योजना बनाई है।
परिणाम: AQI में सुधार
- देहरादून का AQI: दिवाली की रात (31 अक्टूबर) को AQI 318 तक पहुंचा, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है। लेकिन यह पिछले साल के 350 से अधिक के स्तर से काफी बेहतर रहा। PCB अधिकारियों ने इसे “ड्रोन-सहायता प्राप्त पानी छिड़काव” का श्रेय दिया।
- अन्य शहरों में: काशीपुर में AQI 263 (पिछले साल से बेहतर), ऋषिकेश में 154, और हरिद्वार में 211 (20 अंकों की कमी) दर्ज किया गया। कुल मिलाकर, PCB ने जागरूकता अभियान, नगर निगम के साथ सहयोग और ड्रोन प्रयोग से प्रदूषण को नियंत्रित करने में सफलता पाई।
- स्वास्थ्य प्रभाव: बेहतर AQI से सांस और हृदय रोगियों को राहत मिली। विशेषज्ञों के अनुसार, प्रदूषण कम होने से श्वसन तंत्र की बीमारियां 20-30% तक घट सकती हैं।
देहरादून में दिवाली पर प्रदूषण हमेशा से समस्या रहा है। वाहनों की संख्या, निर्माण कार्य और आतिशबाजी से AQI अक्सर 300 पार कर जाता है। इस साल PCB ने युवाओं को लक्षित जागरूकता कैंपेन चलाए, जिसमें स्कूलों और व्यापार मंडलों के साथ मिलकर पटाखों के कम इस्तेमाल पर जोर दिया। हालांकि, दिवाली रात को फिर भी आतिशबाजी हुई, जिससे AQI में अस्थायी उछाल आया। PCB अगले एक सप्ताह तक निगरानी जारी रखेगा।
यह पहल दिल्ली जैसे शहरों से प्रेरित लगती है, जहां भी ड्रोन से प्रदूषण नियंत्रण के प्रयोग हो रहे हैं, लेकिन उत्तराखंड में यह राज्य स्तर पर पहली सफल कोशिश है। यदि आप देहरादून में रहते हैं, तो बाहर निकलते समय मास्क पहनें और PCB की वेबसाइट पर AQI चेक करें।
