रुद्रपुर। रुद्रपुर, उत्तराखंड के रहने वाले 40 वर्षीय दीपक (बदला हुआ नाम) को लगभग 1-2 सप्ताह पहले से ही सीढ़ियाँ चढ़ने में कठिनाई हो रही थी। यदि वह सुबह छत पर भी जाता तब भी उसे दूसरों के साथ चलने के दौरान कठिनाई होती थी, उसे सांस संबंधित समस्या होने लगती थी। मरीज ने इसे गंभीरता से लिया और रुद्रपुर के डॉ. अरोड़ा के पास जाकर परामर्श लिया, उन्होंने मरीज की स्थिति देखते हुए उसे दवा दी परंतु कुछ फायदा नहीं हुआ। इसके बाद उन्होंने मरीज को नारायणा हॉस्पिटल, गुरुग्राम में रेफर कर दिया। फिर नारायणा हॉस्पिटल में जांच के बाद पता चला कि उसके हृदय में ट्यूमर है जिसके चलते उसे यह समस्या हो रही है। ट्यूमर बड़ा था और फेफड़ों से हृदय के बाएं पंपिंग कक्ष में रक्त के प्रवाह को भी रोक रहा था। ऐसे में नारायणा हॉस्पिटल, गुरुग्राम के स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने एक जटिल सर्जरी के माध्यम से ट्यूमर को हटाया और व्यक्ति को नया जीवन मिला।
डॉ. रचित सक्सेना, कार्डियक सर्जन, नारायणा हॉस्पिटल गुरुग्राम ने बताया कि जब मरीज हमारे पास आया तो उसका एक इकोकार्डियोग्राफी मूल्यांकन किया गया। जिसके बाद यह पता चला कि हृदय के बाएं कक्ष के अंदर एक बड़ा ट्यूमर है। यह अत्यंत दुर्लभ ट्यूमर था जो बहुत कम लोगों में देखने को मिलता है। ट्यूमर बड़ा था और फेफड़ों से हृदय के बाएं पंपिंग कक्ष में रक्त के प्रवाह को गंभीर रूप से बाधित कर रहा था। हृदय के अंदर ट्यूमर से बहुत ही खतरा बना हुआ था क्योंकि ट्यूमर के एक हिस्से के टूटने और मस्तिष्क में रक्त प्रवाह के रुकने की भी संभावना थी, जिससे खतरनाक स्थिति उत्पन्न हो सकती थी। ऐसे में तुरंत ओपन हार्ट सर्जरी की आवश्यकता थी।