
उत्तरकाशी। चारधाम यात्रा के प्रथम पड़ाव पर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नौगांव में उत्तराखंड बनने के बाद भी विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति नहीं हो पाई है. जिससे ग्रामीणों को मामूली इलाज के लिए भी लोगों को डेढ़ सौ किमी दूर देहरादून की दौड़ लगानी पड़ती है. सीएचसी यमुनाघाटी का सबसे बड़ा अस्पताल है, जिसे बने हुए चार दशक से भी ज्यादा का समय हो गया है, किंतु आज तक अस्पताल में न तो विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति हो पाई और ना ही अस्पताल का उच्चीकरण हो पाया है.
अस्पताल में छह सामान्य चिकित्सक अपनी सेवाएं दे रहे हैं, जबकि चिकित्साधीक्षक, स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ, फिजिशियन, ऑर्थोपेडिक्स, बाल रोग विशेषज्ञ, ईएनटी और एनेस्थेसिया, विशेषज्ञ चिकित्सकों के पद रिक्त हैं. अस्पताल में सिर्फ दंत चिकित्सक तैनात है, जबकि फिजिशियन सप्ताह में सिर्फ तीन दिन सीएचसी को अपनी सेवाएं दे रहे हैं. पुरोला विधान सभा के अंतर्गत पड़ने वाला सीएचसी नौगांव यमुनाघाटी का केंद्र बिंदु है. जिस पर सौ से अधिक ग्राम पंचायतों के स्वास्थ्य का जिम्मा है. उत्तराखंड बनने के बाद क्षेत्र की जनता ने यहां से दो बार कांग्रेस और तीन बार भाजपा के विधायक चुन कर भेजे हैं किंतु किसी ने भी अस्पताल की सुध नहीं ली.लोग कई बार विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति के लिए धरना प्रदर्शन कर चुके हैं.
भाजपा मंडल अध्यक्ष नौगांव के अमिता परमार ने बताया कि सीएचसी नौगांव यमुनाघाटी का सबसे पुराना अस्पताल है, जहां विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं है. शीघ्र ही प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के समक्ष अस्पताल के उच्चीकरण और विशेषज्ञ चिकित्सकों की मांग रखी जायेगी. जिससे यहां के ग्रामीणों को लाभ मिल सके.।
क्या कहते प्राभारी चिकित्साधीक्षक: सीएचसी क्षेत्र का केंद्र बिंदु है जो राष्ट्रीय राजमार्ग और चारधाम यात्रा के प्रथम पड़ाव पर स्थित है, उच्चीकरण की मांग जायज है। चारधाम यात्रा के दौरान बाहरी क्षेत्रों से आने वाले यात्रियों को स्वास्थ्य सुविधाएं देने की जिम्मेदारी बढ़ जाती है.