चमोली। गैरसैंण में सारकोट गांव निवासी और सेना के बंगाल इंजीनियर में हवलदार बसुदेव सिंह पुत्र फतेसिंह ने सीमा पर बलिदान दे दिया। बलिदानी सैनिक का पार्थिव शरीर सोमवार सुबह गांव पहुंचा तो पूरा शहर शोक में डूब गया। बड़ी संख्या में पहुंचे लोगों ने बसुदेव जिंदाबाद, भारत माता की जय के नारे लगाए। सारकोट के पूर्व प्रधान राजे सिंह ने बताया बसुदेव करीब 13 साल पूर्व सेना में भर्ती हुए थे। वह वर्तमान में लेह में सेवारत थे। बताया कि अचानक 16 अगस्त को बसुदेव के पिता पूर्व सैनिक हवलदार फते सिंह को शाम 6 बजे यूनिट से हवलदार बसुदेव की निर्माण कार्य के दौरान दुर्घटना से मौत होने की खबर मिली थी।खबर के बाद उनकी पत्नी नेहा देवी, माता माहेश्वरी देवी का रो रो कर बुरा हाल है। करीब 31 साल के बसुदेव के दो पुत्र 6 तथा 2 साल के हैं। उनकी माता माहेश्वरी गत दो सालों से बीमारी के कारण बिस्तर पर लेटी जीवन झेल रही है।
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