
Supreme Court of India
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने देहरादून में हजरत कमाल शाह दरगाह को ध्वस्त करने के मामले में दायर अवमानना याचिका पर उत्तराखंड सरकार के अधिकारियों से जवाब मांगा है। यह दरगाह, जो 1982 में सुन्नी सेंट्रल बोर्ड ऑफ वक्फ्स, लखनऊ के साथ वक्फ संपत्ति के रूप में पंजीकृत थी, को 25-26 अप्रैल 2025 की मध्यरात्रि में बिना किसी नोटिस के ध्वस्त कर दिया गया था।
DARGAH DEMOLITION – याचिका में आरोप लगाया गया है कि यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के 17 अप्रैल 2025 के आदेश का उल्लंघन है, जिसमें केंद्र ने आश्वासन दिया था कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को चुनौती देने वाली याचिकाओं की अगली सुनवाई तक किसी भी वक्फ संपत्ति की स्थिति या चरित्र में बदलाव नहीं किया जाएगा।
DARGAH DEMOLITION – जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव, देहरादून के जिला मजिस्ट्रेट, सिटी मजिस्ट्रेट, और नगर आयुक्त को नोटिस जारी किया। मामले की सुनवाई 15 मई 2025 को वक्फ (संशोधन) अधिनियम से संबंधित अन्य याचिकाओं के साथ होगी। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने दलील दी कि यह 150 वर्षों से अधिक पुराना धार्मिक स्थल था, और इसका ध्वस्तीकरण कोर्ट के आदेश की अवहेलना है।