
उत्तरकाशी प्रभावित क्षेत्रों का सीएम धामी ने दौरा
उत्तरकाशी। उत्तरकाशी जिले में अगस्त 2025 (मुख्य रूप से 5 अगस्त को) एक भीषण प्राकृतिक आपदा आई, जिसे बादल फटने (क्लाउडबर्स्ट) से उत्पन्न फ्लैश फ्लड और भूस्खलन के रूप में वर्णित किया गया है। यह आपदा मुख्य रूप से धराली गांव, हर्षिल घाटी और खीरगंगा नदी के आसपास हुई, जहां अचानक भारी बारिश और मलबे के बहाव से सैकड़ों घर, होटल, दुकानें और सड़कें नष्ट हो गईं। खीरगंगा नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया, जिससे गंगोत्री हाईवे पर कई जगहें अवरुद्ध हो गईं। इससे कम से कम 5-6 लोगों की मौत हुई, 50 से अधिक लोग लापता बताए गए (जिनमें 8-11 सेना के जवान शामिल थे), और सैकड़ों पर्यटक व स्थानीय फंस गए। यह घटना गंगोत्री धाम की ओर जाने वाले मार्ग पर हुई, जिससे चार धाम यात्रा प्रभावित हुई। मौसम विभाग (IMD) ने पहले ही भारी बारिश की चेतावनी जारी की थी, लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि यह ग्लेशियर झील फटने (GLOF) या भूस्खलन का संयोजन भी हो सकता है।
यह आपदा उत्तराखंड की भौगोलिक संवेदनशीलता को दर्शाती है, जहां हिमालयी क्षेत्र में ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं। प्रभावित क्षेत्रों में धराली, हर्षिल, गंगनानी, सुखी टॉप, और बाद में स्यानाचट्टी (बड़कोट तहसील) शामिल हैं।
सीएम धामी ने उत्तरकाशी प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया
27 अगस्त 2025 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी जिले के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। यह दौरा मुख्य रूप से स्यानाचट्टी (Syanachatti) और बड़कोट (Barkot) क्षेत्रों पर केंद्रित था, जहां हाल की प्राकृतिक आपदा (जैसे बादल फटना या भारी वर्षा से उत्पन्न बाढ़ और भूस्खलन) से काफी तबाही हुई है। सीएम धामी ने हेलीकॉप्टर से बड़कोट हेलीपैड पर दोपहर 12:00 बजे पहुंचकर यात्रा शुरू की। नीचे उनके दौरे की प्रमुख गतिविधियों का विवरण दिया गया है, जो विभिन्न समाचार स्रोतों और X पोस्ट्स से संकलित है:
1. प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण (On-site Inspection)
- सीएम धामी ने स्यानाचट्टी पहुंचकर आपदा प्रभावित क्षेत्रों का व्यक्तिगत दौरा किया।
- उन्होंने नुकसान का आकलन किया, जिसमें क्षतिग्रस्त सड़कें, घर, दुकानें और बुनियादी ढांचे शामिल थे।
- स्थानीय प्रशासन, एसडीआरएफ (State Disaster Response Force), एनडीआरएफ (National Disaster Response Force) और सेना के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।
- राहत और बचाव कार्यों की प्रगति का जायजा लिया, जैसे रेस्क्यू ऑपरेशन, मलबा हटाना और अस्थायी पुल निर्माण।
2. पीड़ितों से मुलाकात और सहायता का आश्वासन (Meeting with Victims)
- स्यानाचट्टी में प्रभावित परिवारों से सीधे मुलाकात की और उनका हालचाल जाना।
- पीड़ितों को हरसंभव सहायता (जैसे आर्थिक मदद, चिकित्सा सुविधा और पुनर्वास) का भरोसा दिलाया।
- राहत शिविरों का दौरा किया, जहां भोजन, दवाइयां और आवश्यक सामग्री वितरित हो रही थीं।
- मीडिया से रूबरू होकर स्थिति की जानकारी साझा की और सरकार की तत्परता पर जोर दिया।
3. राहत और बचाव कार्यों को निर्देश (Directives for Relief Operations)
- अधिकारियों को राहत कार्यों को तेज करने के निर्देश दिए, जिसमें मेडिकल कैंप स्थापित करना, बिजली-पानी बहाल करना और संचार नेटवर्क सुधारना शामिल था।
- स्वास्थ्य विभाग को विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम भेजने और अस्पतालों में बेड आरक्षित रखने के आदेश दिए।
- केंद्र सरकार से अतिरिक्त सहायता (जैसे हेलीकॉप्टर और फंड) की मांग को दोहराया, जैसा कि पहले के दौरे में किया गया था।
- बचाव कार्यों में सेना और स्थानीय पुलिस की भूमिका की सराहना की।
4. यात्रा का समापन
- दोपहर 1:45 बजे स्यानाचट्टी से बड़कोट लौटे।
- दोपहर 3:25 बजे देहरादून के लिए हेलीकॉप्टर से प्रस्थान किया।
- पूरे दौरे के दौरान, सीएम धामी ने राज्य आपदा नियंत्रण कक्ष से लगातार संपर्क में रहकर समन्वय सुनिश्चित किया।
यह दौरा उत्तरकाशी में अगस्त 2025 की आपदा (जिसमें धराली, हर्षिल और स्यानाचट्टी जैसे क्षेत्र प्रभावित हुए) के बाद राहत प्रयासों का हिस्सा था। सरकार ने पहले ही 20 करोड़ रुपये की राहत राशि जारी की है, और पीएम मोदी ने भी सहायता का आश्वासन दिया है। सीएम धामी के इस दौरे से प्रभावितों में आशा जगी है, और कार्य तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।