उत्तराखण्ड राज्य स्थापना की रजत जयंती
उत्तराखंड राज्य आंदोलन में शहीद आंदोलनकारी के नाम पर उनके क्षेत्र की मुख्य अवस्थापन सुविधाओं का नामकरण किया जाएगा.
देहरादून। उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर प्रदेश भर में उत्तराखंड सरकार की ओर से अलग-अलग विभागों की ओर से कार्यक्रमों के आयोजन किया जा रहे हैं. इसी के उपलक्ष में राज्य आंदोलनकारियों को सम्मानित करने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया. ये कार्यक्रम देहरादून स्कूल पुलिस लाइन में आयोजित किया गया, जहां एक और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आंदोलनकारियों को सम्मानित किया. कार्यक्रम के दौरान राज्य आंदोलनकारियों पर हेलीकॉप्टर के जरिए पुष्प वर्षा भी की गई. दूसरी ओर राज्य आंदोलनकारियों के लिए 7 बड़ी घोषणाएं भी की हैं.

उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस (9 नवंबर) के अवसर पर रजत जयंती समारोह के दौरान देहरादून में आयोजित राज्य आंदोलनकारी सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य आंदोलनकारियों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए 7 बड़ी घोषणाएं कीं। ये घोषणाएं आंदोलनकारियों के बलिदान को सम्मान देने और उनके आर्थिक-सामाजिक कल्याण पर केंद्रित हैं। नीचे इनकी विस्तृत सूची दी गई है:

- शहीद राज्य आंदोलनकारियों के नाम पर क्षेत्र की मुख्य अवस्थापन सुविधाओं का नामकरण: शहीद आंदोलनकारियों के बलिदान को चिरस्थायी सम्मान देने के लिए उनके क्षेत्र की प्रमुख सड़कों, भवनों या अन्य सार्वजनिक सुविधाओं का नामकरण उनके नाम पर किया जाएगा।
- शहीद स्मारकों का नवीनीकरण और सौंदर्यकरण: प्रदेश भर में स्थित सभी शहीद स्मारकों का पूर्ण नवीनीकरण और सौंदर्यीकरण कार्य किया जाएगा, ताकि आने वाली पीढ़ियां उनके योगदान को याद रख सकें।
- शहीद आंदोलनकारियों के आश्रितों की पेंशन में वृद्धि: राज्य आंदोलन के दौरान शहीद हुए आंदोलनकारियों के आश्रितों को मिलने वाली पेंशन को 3,000 रुपये से बढ़ाकर 5,500 रुपये प्रति माह किया जाएगा।
- 7 दिन जेल गए या घायल हुए आंदोलनकारियों की पेंशन में वृद्धि: आंदोलन के दौरान कम से कम 7 दिन जेल में रहे या गंभीर रूप से घायल हुए आंदोलनकारियों की पेंशन को 6,000 रुपये से बढ़ाकर 7,000 रुपये प्रति माह किया जाएगा।
- जेल गए या घायल हुए अन्य आंदोलनकारियों की पेंशन में वृद्धि: राज्य आंदोलन में भाग लेने वाले अन्य जेल गए या घायल आंदोलनकारियों को मिलने वाली पेंशन को 4,500 रुपये से बढ़ाकर 5,500 रुपये प्रति माह किया जाएगा।
- विकलांग और शैय्याग्रस्त शहीदों की पेंशन में वृद्धि और मेडिकल अटेंडेंट की व्यवस्था: आंदोलन के दौरान विकलांग होकर शैय्याग्रस्त (बिस्तर पर लाचार) हुए शहीदों की पेंशन को 20,000 रुपये से बढ़ाकर 30,000 रुपये प्रति माह किया जाएगा। इसके अलावा, उनकी देखभाल के लिए एक मेडिकल अटेंडेंट की व्यवस्था भी की जाएगी।
- राज्य आंदोलनकारी चिन्हीकरण के लिए लंबित आवेदनों का निस्तारण: वर्ष 2021 तक जिलाधिकारी कार्यालयों में प्राप्त राज्य आंदोलनकारी चिन्हीकरण (मान्यता) के लंबित आवेदन पत्रों का निस्तारण करने के लिए 6 महीने का अतिरिक्त समय दिया जाएगा।
ये घोषणाएं तत्काल प्रभाव से लागू होंगी और राज्य सरकार ने आंदोलनकारियों के कल्याण के लिए निरंतर प्रतिबद्धता जताई है।
