-शहर काजी की अध्यक्षता में हुए इमामों व सामाजिक संगठनों की मीटिंग
-कानूनी दायरे में रहकर कार्यवाही की जाएगीः काजी
-मुस्लिम समाज ने राज्यपाल व अल्पसंख्यक आयोग से की थी शिकायत
देहरादून। विगत दिवस एक मदरसे का निरीक्षण करने पहुंची राज्य बाल संरक्षक आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना ओर उनकी टीम की ओर से जूते पहने हुए ही मस्जिद में प्रवेश करने से मुस्लिम समाज में आक्रोष फैल गया। जिसको लेकर बुधवार को शहर काजी की अध्यक्षता में उलेमाओं व समाजिक संगठनों की बैठक की गई जिसमें चार प्रस्ताव पारित किया गए। जिसमें निर्णय लिया गया कि राज्य बाल संरक्षक आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना के खिलाफ जो भी कार्रवाई होगी वह कानूनी के दायरे में रहकर होगी। उलेमा राज्यपाल, मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव से मिलकर मामले की शिकायत करेंगे। बैठक में मदरसों की मान्यता के लिए मान्यता कमेटी गठित करने व समकक्षता को लेकर निर्णय लिया गया। साथ ही निर्णय लिया गया कि शुक्रवार को मदरसा शिक्षक विरोध स्वरूप काली पट्टी बांधकर कार्य करेंगे।
जिस को लेकर मंगलवार को कई सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने उत्तराखंड के राज्यपाल व अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष मजहर नईम नवाब को पत्र लिख कर कार्यवाही करने की मांग की। वही राज्य बाल संरक्षक आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना को भी पत्र भेज दो दिन में खेद व्यक्त करने को कहा गया हैं।
शहर काजी मौलाना मोहम्मद अहमद कासमी ने कहा कि इस प्रकार की अपमानित करने वाली हरकत को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता, शहर काजी ने इस मामले को लेकर कल 31 जुलाई को शहर भर के इमामों ओर सामाजिक संगठनों की बैठक बुलाई हैं।
डीएम के माध्यम से राज्यपाल के भेजे गए ज्ञापन में कहा गया है कि विगत दिवस डॉ. गीता खन्ना ओर उनकी टीम मदरसे का निरक्षण करने पहुंची थी, इस दरैरान उन्होने जुते पहने हुए ही मस्जिद में प्रवेश किया, जब उनको टोका गया तो उन्होने अभ्रद व्यवहार किया। पत्र में कहा गया है कि टीम मदरसा जामियातुस सलाम अल इस्लामिया आजाद कॉलोनी देहरादून में औचक निरीक्षण के दौरान मस्जिद व मदरसे में कुरआन पढ़ने की जगह जूते पहने हुए दाखिल हुए, जो कि मस्जिद के पवित्र स्थान की बे अदबी हैं, जिससे मुसलमानों की धार्मिक आस्था को ठेस पहुंची है।
टीम ने मदरसे व मस्जिद के पवित्र स्थल की जो बे अदबी व अपमान किया गया हैं, उस पर दो दिन में सार्वजनिक रूप से खेद व्यक्त करने की मांग की गई है। पत्र में यह भी कहा गया है कि अगर माफी नही मांगी जाती तो मुस्लिम समाज कानूनी कार्यवाही के लिए बाध्य होगा।
बैठक में शहर काजी मुहम्मद अहमद कासमी, जमीअत उलेमा-ए-हिंद देहरादून के जिला अध्यक्ष मुफ्ती रईस अहमद कासमी, उपाध्यक्ष मास्टर अब्दुल सत्तार, महासचिव खुर्शीद अहमद, इनाम अली, मुस्लिम सेवा संगठन के अध्यक्ष नईम कुरैशी, उपाध्यक्ष आकिब कुरैशी, सद्दाम कुरैशी, मौलाना हाशिम उमर, महासचिव आसिफ हुसैन, इरशाद अली, मुदस्सिर खान, मुफ्ती अयाज अहमद व मौलाना मंजर आलम आदि मौजूद रहे।
उधर, राज्य बाल संरक्षक आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना ने कहा कि विगत दिवस 30 बच्चों के बीमार होने की खबर समाचार पत्रों में प्रकाशित होने के बाद मदरसा जामियातुस सलाम अल इस्लामिया आजाद कॉलोनी देहरादून में औचक निरीक्षण के लिये गई थी, जहां कई प्रकार की खामी पाई गई। हमंे यह नहीं बताया गया कि यह स्थान मस्जिद है, अगर बताया जाता तो जूते उतार लेते। हम तो मदरसे को स्कूल ही समझते हैं, फिर भी अगर किसी की भावना को ठेस पहुंची है तो में खेद प्रकट करती हूं।