
अंकिता भंडारी हत्याकांड
नैनीताल। अंकिता भंडारी हत्याकांड में कोटद्वार की अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने तीन आरोपियों—पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर, और अंकित गुप्ता—को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। वहीं अब मुख्य दोषी पुलकित आर्या ने निचली अदालत के आजीवन कारावास के फैसले को उत्तराखंड हाईकोर्ट में चुनौती दी है. पुलकित आर्या की अपील पर सोमवार 7 जुलाई को उत्तराखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई.
इन पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की निम्नलिखित धाराओं के तहत आरोप सिद्ध हुए:
- धारा 302: हत्या
- धारा 201: साक्ष्य मिटाने का अपराध
- धारा 354ए: छेड़छाड़ और लज्जा भंग
- अनैतिक देह व्यापार निवारण अधिनियम के तहत भी आरोप
इसके अतिरिक्त, कोर्ट ने प्रत्येक आरोपी पर 72,000 रुपये का अर्थदंड लगाया और पीड़िता के परिजनों को 4 लाख रुपये के मुआवजे का आदेश दिया।
हालांकि, अंकिता भंडारी के परिजनों ने कोर्ट के फैसले से असंतुष्ट होकर, आरोपियों को फांसी की सजा दिलाने के लिए हाई कोर्ट में अपील करने की बात कही है। पीड़ित पक्ष ने पहले भी सीबीआई जांच की मांग के लिए हाई कोर्ट में अपील की थी, लेकिन इसे खारिज कर दिया गया था।
वहीं, सरकार की तरफ से कहा गया कि दोषी व उसके दो अन्य साथियों की लोकेशन घटनास्थल पर पाई गई. फॉरेंसिक जांच में भी इनकी लोकेशन वहां पाई गई. यही नहीं, अंकिता ने अपने व्हाट्सएप चैट में भी इसका जिक्र किया है. आरोपियों ने वनंत्रा रिजॉर्ट के सीसीटीवी कैमरे बंद करा दिए गए और डीवीआर से भी छेड़ाखानी की थी.
जानिए मामला: पौड़ी जिले के डोभ श्रीकोट की रहने वाली 22 साल की अंकिता भंडारी यमकेश्वर इलाके में स्थित वनंत्रा रिसोर्ट में नौकरी करती थी, जिसकी हत्या रिसोर्ट स्वामी पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित ने चीला बैराज में धक्का देकर की थी. मामले की छानबीन के बाद तीनों दोषियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. निचली अदालत द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद से तीनों जेल में बंद हैं.