
भारत ने पाकिस्तान की सैन्य चौकी उड़ाई
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 25 निर्दोष नागरिकों की हत्या कर दी गयी थी. इस घटना के बाद भारत ने पाकिस्तान में आतंकवादी के 9 ठिकानों को नष्ट करने के उद्देश्य से 7 मई से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया. भारत का यह कदम भविष्य में सीमा पार से होने वाले हमलों को रोकने के लिए है, जिससे क्षेत्र के सुरक्षा ढांचे में बदलाव आएगा.
OPERATION SINDOOR EFFECT – आईएसआई और पाकिस्तानी सेना परमाणु सुरक्षा की आड़ में आतंकी अभियान चला रहे हैं. यदि वे आतंकवाद का समर्थन करना जारी रखता हैं, तो उसे भारत पारंपरिक सैन्य शक्ति का सामना करेंगे.
OPERATION SINDOOR EFFECT – भारत पाकिस्तानियों को बताया कि उनके पास एक और मौका है. भारत का ध्यान पूरी तरह से आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र पर था. भले ही भारत ने रावलपिंडी, रायविंड और बहावलपुर में इसके मुख्य क्षेत्रों को लक्षित करने के लिए अपने ऑपरेशन का विस्तार किया. भारत ने कर दिया कि भारत सामान्य नागरिक या सैन्य लक्ष्यों पर हमला नहीं किया है. कल की घटनाएं महत्वपूर्ण थीं, क्योंकि भारत सफलतापूर्वक F-16, J-10s, J-17s और AWACS को मार गिराया, जो किसी भी पारिस्थितिकी तंत्र की आंख और कान होते हैं.”
अरुण शौरी के शब्द: जिन्होंने 2001 के संसद हमले के बाद कार्रवाई की कमी पर अपनी निराशा व्यक्त की थी. “उन्होंने कहा था, ‘आंख के बदले आंख नहीं, दांत के बदले दांत नहीं. आंख के बदले दोनों आंखें; दांत के बदले पूरा जबड़ा.’ यह हमारी प्रतिक्रिया को दर्शाता है. इस प्रकार, हम खुद को 1971 जैसे निर्णायक क्षण में पाते हैं, जो हमारी कूटनीतिक रणनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है.
OPERATION SINDOOR EFFECT – 8 मई को विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने चेतावनी दी कि पाकिस्तान की ओर से कोई भी और हमला बढ़ते तनाव के रूप में देखा जाएगा. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत के हमले सटीक थे और नागरिकों को नुकसान नहीं पहुंचा. उन्होंने कहा कि शुरुआती हमला पहलगाम में हुआ था. 9 मई को पाकिस्तान ने सीमा पर ड्रोन का इस्तेमाल करके फिर से युद्धविराम का उल्लंघन किया. भारतीय सेना ने हमलों को रोककर और जवाबी कार्रवाई करके जवाब दिया. सेना की ओर से सोशल मीडिया एक्स पर एक आधिकारिक पोस्ट में कहा गया, ‘भारत अपनी सीमाओं की रक्षा करेगा और किसी भी खतरे का दृढ़ता से जवाब देगा.’