
नई दिल्ली। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और नेशनल इलेक्शन वॉच (NEW) ने देशभर के राज्य विधानसभाओं और केंद्र शासित प्रदेशों में वर्तमान विधायकों के स्व-शपथ पत्रों का विश्लेषण किया है. विश्लेषण में सामने आया है कि 1861 विधायकों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक गंभीर आपराधिक मामलों वाले मौजूदा विधायकों के खिलाफ 1205 हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण, महिलाओं के खिलाफ अपराध आदि से संबंधित मामलों सहित गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं. बता दें कि यह डेटा विधायकों द्वारा उनके पिछले चुनाव लड़ने से पहले दायर किए गए हलफनामों से निकाला गया है.
इलेक्शन मॉनिटरिंग संस्था ने 28 राज्य विधानसभाओं और 3 केंद्र शासित प्रदेशों के 4123 में से कुल 4092 विधायकों का विश्लेषण किया है. 24 विधायकों के हलफनामों का विश्लेषण नहीं किया गया है क्योंकि उनके हलफनामे खराब तरीके से स्कैन किए गए थे या पढ़ने योग्य नहीं थे, जबकि वर्तमान में राज्य विधानसभाओं में 7 रिक्त सीटें हैं.
आपराधिक मामलों वाले सिटिंग विधायक
राज्य विधानसभाओं के जिन 4092 विधायकों का विश्लेषण किया गया है, उनमें से 1861 यानी 45 प्रतिशत विधायकों ने अपने विरुद्ध आपराधिक मामले घोषित किए हैं. वहीं, 1205 यानी 29 प्रतिशत ऐसे विधायक हैं, जिनके खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण, महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसें गंभीर मामले दर्ज हैं.

किन राज्यों में हैं सबसे ज्यादा अपराधिक मामलों वाले विधायक
आपराधिक मामलों वाले मौजूदा विधायकों की संख्या सबसे ज्यादा आंध्र प्रदेश में हैं. यहां 174 विधायकों में से 138 यानी 79 प्रतिशत, केरल के 134 विधायकों में से 93 यानी 69 पर्सेंट, तेलंगाना के 119 विधायकों में से 82 यानी 69 फीसदी , बिहार के 241 विधायकों में से 158 66 प्रतिशत, महाराष्ट्र के 286 विधायकों में से 187 65 फीसदी और तमिलनाडु के 224 विधायकों में से 132 59 प्रतिशत ने अपने-अपने शपथ-पत्रों में अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं.
आपराधिक मामलों वाले मौजूदा विधायकों की पार्टीवार लिस्ट
भाजपा के 1653 विधायकों में से 638 यानी 39 प्रतिशत, कांग्रेस के 646 विधायकों में से 339 यानी 52फीसदी, टीडीपी के 134 विधायकों में से 115 यानी 86 पर्सेंट , डीएमके के 132 विधायकों में से 98 यानी 74 प्रतिशत, एआईटीसी के 230 विधायकों में से 95 यानी 41 पर्सेंट, आप के 123 विधायकों में से 69 यानी 56 प्रतिशत और सपा के 110 विधायकों में से 68 यानी 62 फीसदी ने अपने हलफनामों में अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं.
गंभीर आपराधिक मामलों वाले मौजूदा विधायकों की पार्टीवार लिस्ट
भाजपा के 1653 विधायकों में से 436 यानी 26 प्रतिशत, कांग्रेस के 646 विधायकों में से 194 यानी 30 पर्सेंट , टीडीपी के 134 विधायकों में से 82 यानी 61 फीसदी, डीएमके के 132 विधायकों में से 42 यानी 32 प्रतिशत, एआईटीसी के 230 विधायकों में से 78 यानी 34 पर्सेंट, AAP के 123 विधायकों में से 35 28 फीसदी और सपा के 110 विधायकों में से 48 यानी 44 प्रतिशतने अपने हलफनामों में अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं.
हत्या के प्रयास से संबंधित मामलों वाले विधायक
226 विधायकों ने हत्या के प्रयास (आईपीसी धारा-307 और बीएनएस धारा-109) के मामले घोषित किए हैं. वहीं, 127 विधायकों ने महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित मामले घोषित किए हैं. 127 विधायकों में से 13 विधायकों ने बलात्कार (आईपीसी धारा-376) से संबंधित मामले घोषित किए हैं.
फाइनेंशियल बैकग्राउंड
राज्य विधानसभाओं से प्रत्येक विधायक की संपत्ति का औसत 17.92 करोड़ रुपये है.वहीं, घोषित आपराधिक मामलों वाले विधायकों की औसत संपत्ति 20.97 करोड़ रुपये है. इसकी तुलना में बिना आपराधिक मामलों वाले विधायकों की संपत्ति औसत 15.38 करोड़ रुपये है

अरबपति विधायक
राज्य विधानसभाओं से विश्लेषण किए गए 4092 विधायकों में से 119 यानी 3 फीसदी विधायक अरबपति हैं. अरबपति MLAs का सर्वाधिक प्रतिशत वाला राज्य आंध्र प्रदेश है जहां के 174 विधायकों में से 27, कर्नाटक के 223 विधायकों में से 31, महाराष्ट्र के 286 विधायकों में से 18 , तेलंगाना के 119 विधायकों में से 7, हरियाणा के 90 विधायकों में से 5, अरुणाचल प्रदेश के 59 विधायकों में से 3 और दिल्ली के 70 विधायकों में से 3 ने 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति घोषित की है.
राज्यवार कुल संपत्ति और मौजूदा विधायकों की औसत असेट के आधार पर विश्लेषण
विधायकों की सबसे अधिक कुल संपत्ति वाला राज्य कर्नाटक है, जहां विश्लेषण किए गए 223 विधायकों की कुल संपत्ति 14,179 करोड़ रुपये है. वहीं, महाराष्ट्र के 286 विधायकों की कुल संपत्ति 12,424 करोड़ रुपये है और आंध्र प्रदेश से विश्लेषण किए गए 174 विधायकों की कुल संपत्ति 11,323 करोड़ रुपये है.
विधायकों की सबसे कम कुल संपत्ति वाला राज्यों में त्रिपुरा सबसे ऊपर है, जहां 60 विधायकों की कुल संपत्ति 90 करोड़ रुपये है, जबकि मणिपुर के 59 विधायकों की कुल संपत्ति 222 करोड़ रुपये है और पुडुचेरी के 30 विधायकों की कुल संपत्ति 297 करोड़ रुपये है.

विधायकों की उच्चतम औसत संपत्ति वाला राज्य
प्रति विधायक उच्चतम औसत संपत्ति वाला राज्य आंध्र प्रदेश है, जहां 174 विधायकों की औसत संपत्ति 65.07 करोड़ रुपये है. इसके बाद कर्नाटक के 223 विधायककी औसत संपत्ति 63.58 करोड़ रुपये और महाराष्ट्र के 286 विधायक की औसत संपत्ति 43.44 करोड़ रुपये है.
विधायकों की सबसे कम औसत संपत्ति वाला राज्य त्रिपुरा है. यहां 60 विधायकों की औसत संपत्ति 1.51 करोड़ रुपये है, इसके बाद पश्चिम बंगाल 293 विधायकों की औसत संपत्ति 2.80 करोड़ रुपये और केरल 134 विधायक की औसत संपत्ति 3.13 करोड़ रुपये है.
पार्टीवार औसत संपत्ति
विश्लेषण किए गए 1653 भाजपा विधायकों की प्रति विधायक औसत संपत्ति 1.5 लाख रुपये है, जबकि कांग्रेस के 646 विधायकों की औसत संपत्ति 15.89 करोड़ रुपये, 134 टीडीपी विधायकों की औसत संपत्ति 67.97 करोड़ रुपये, 59 शिवसेना विधायकों की औसत संपत्ति 29.81 करोड़ रुपये, 123 आप विधायकों की औसत संपत्ति 7.33 करोड़ रुपये और 230 एआईटीसी विधायकों की औसत संपत्ति 3.73 करोड़ रुपये है,
