
ऑपरेशन कालनेमि
उत्तराखंड पुलिस ऑपरेशन कालनेमि के तहत ढोंगी संतों और फर्जी बाबाओं पर लगातार कार्रवाई कर रही है.
देहरादून। ऑपरेशन कालनेमि उत्तराखंड सरकार द्वारा शुरू किया गया एक विशेष अभियान है, जिसका उद्देश्य धार्मिक वेशभूषा में लोगों की आस्था का दुरुपयोग कर ठगी करने वाले और सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई करना है। यह अभियान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर शुरू किया गया है, विशेष रूप से कांवड़ यात्रा जैसे धार्मिक आयोजनों के दौरान, जब फर्जी साधु-संत और बहरूपिए श्रद्धालुओं को ठगने का प्रयास करते हैं। अभियान का नाम रामायण के राक्षस कालनेमि से प्रेरित है, जिसने साधु का वेश धारण कर हनुमान को भटकाने की कोशिश की थी। इसका मकसद सनातन धर्म की पवित्रता और सामाजिक एकता की रक्षा करना है।
उत्तराखंड पुलिस ने अब तक कितने लोगों को और कहां से गिरफ्तार किया है?
ऑपरेशन कालनेमि के तहत उत्तराखंड पुलिस ने अब तक निम्नलिखित स्थानों से गिरफ्तारियां की हैं:
- देहरादून: 61 फर्जी बाबाओं को गिरफ्तार किया गया, जिनमें से 17 ऋषिकेश से और 2 सहसपुर से हैं। इनमें एक बांग्लादेशी नागरिक (रूकन रकम उर्फ शाह आलम) भी शामिल है।
- हरिद्वार: 31 बहरूपिए और फर्जी बाबाओं को गिरफ्तार किया गया, जिनमें से 13 को कोतवाली नगर, 18 को श्यामपुर, और 8 को कनखल क्षेत्र से पकड़ा गया।
- उधम सिंह नगर: 66 संदिग्ध साधु-संतों और पीर-फकीरों को हिरासत में लिया गया, जिनमें से 7 का आपराधिक रिकॉर्ड पाया गया।
- कुल गिरफ्तारियां: विभिन्न स्रोतों के अनुसार, देहरादून, हरिद्वार, और उधम सिंह नगर में अब तक कुल 127 लोगों को गिरफ्तार या हिरासत में लिया गया है।
पुलिस उनका क्या करेगी?
उत्तराखंड पुलिस इन गिरफ्तार व्यक्तियों के खिलाफ निम्नलिखित कार्रवाइयां कर रही है:
- पहचान और दस्तावेजों की जांच: गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान, दस्तावेज, और बैकग्राउंड की जांच की जा रही है। कई लोगों के पास वैध पहचान पत्र या ठोस दस्तावेज नहीं पाए गए हैं।
- कानूनी कार्रवाई:
- बांग्लादेशी नागरिक के खिलाफ विदेशी अधिनियम (Foreigners Act) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
- अन्य व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय नवीन संहिता (BNSS) की धारा 170 के तहत कार्रवाई की जा रही है।
- आपराधिक रिकॉर्ड वाले व्यक्तियों के खिलाफ अतिरिक्त धाराओं में मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं।
- खुफिया पूछताछ: स्थानीय खुफिया इकाई (LIU) और इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) बांग्लादेशी नागरिक और अन्य संदिग्धों से गहन पूछताछ कर रही हैं ताकि किसी बड़े षड्यंत्र का पता लगाया जा सके।
- निरंतर निगरानी: पुलिस और खुफिया एजेंसियों को धार्मिक स्थलों, कांवड़ यात्रा मार्गों, और तीर्थ क्षेत्रों में सतर्कता बनाए रखने और संदिग्ध गतिविधियों पर तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
- सामाजिक जागरूकता: जनता से अपील की गई है कि वे संदिग्ध व्यक्तियों की जानकारी पुलिस को दें ताकि ऐसी गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सके।

ऑपरेशन कालनेमि के तहत उत्तराखंड पुलिस धार्मिक ठगी और पाखंड को रोकने के लिए सख्ती से काम कर रही है। अभियान के पहले कुछ दिनों में ही 127 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, और यह कार्रवाई पूरे प्रदेश में जारी रहेगी। पुलिस का लक्ष्य धार्मिक आस्था का दुरुपयोग करने वालों को बेनकाब कर सामाजिक और धार्मिक सौहार्द बनाए रखना है।