
देहरादून। उत्तराखंड में पिछले 24 घंटे में 54 जगह जंगलों में आग लगी। जिसमें 76 हेक्टेयर से ज्यादा जंगल जले हैं। वहीं अब तक 146 लोगों के खिलाफ प्रदेश भर में जंगल जलाने के केस दर्ज किए गए हैं। जो कि अपने आप में एक रिकार्ड है।
वन विभाग की टीमें आग बुझाने में जुटी हैं। अब तक वनाग्नि की 544 घटनाएं सामने आ चुकी हैं। वन विभाग की ओर से जारी सूचना के मुताबिक, बीते 24 घंटे में गढ़वाल में सात, कुमाऊं में 45 और दो वन्यजीव क्षेत्रों में आग की घटनाएं सामने आईं। इनसे 75.18 हेक्टेयर जंगल प्रभावित हुए हैं। वन विभाग आग बुझाने के प्रयासों में जुटा है।
वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, नवंबर 2023 से 25 अप्रैल 2024 तक प्रदेशभर में कुल 544 वनाग्नि की घटनाएं सामने आई हैं। इससे कुल 656.55 हेक्टर क्षेत्र प्रभावित हुआ है. क्षति की बात करें तो कुल 14, 02, 331 रुपयों की आर्थिक नुकसान हुआ है। इन घटनाओं में दो व्यक्तियों के घायल होने की सूचना है।
हिमालय पर जम रही कार्बन की परत से खतरा
जंगलों की आग न केवल वन क्षेत्र को नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि इससे निकल रहा धुआं वायुमंडल पर भी प्रतिकूल असर डाल रहा है। स्थिति ये है कि हिमालय में बर्फ की सफेद चादर पर कार्बन की परत नए खतरे का एहसास करा रही है। शायद इसीलिए वनाग्नि से होने वाले कार्बन उत्सर्जन पर वन महकमा अध्ययन कर विस्तृत जानकारी जुटाने में लगा हुआ है, हालांकि इस बीच पुराने कुछ अध्ययन जंगलों की आग के दौरान ब्लैक कार्बन के कई गुना बढ़ने के संकेत दे चुके हैं।