
उत्तराखंड हाईकोर्ट
नैनीताल। उत्तराखंड हाई कोर्ट ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर रोक लगाई, क्योंकि आरक्षण और रोटेशन प्रक्रिया में अनियमितताएं पाई गईं। मुख्य कारण निम्नलिखित हैं
- आरक्षण नियमावली में गड़बड़ी:
- बागेश्वर निवासी गणेश दत्त कांडपाल और अन्य याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि सरकार ने 9 जून 2025 को नई नियमावली और 11 जून को पुराने आरक्षण रोटेशन को शून्य करने का आदेश जारी किया, जो हाई कोर्ट के पूर्व निर्देशों और पंचायती राज अधिनियम 2016 की धारा 126 के खिलाफ है।
- कुछ सीटें, जो पहले तीन कार्यकालों से आरक्षित थीं, चौथी बार भी आरक्षित कर दी गईं, जिससे याचिकाकर्ता चुनाव में भाग लेने से वंचित हुए।
- गजट नोटिफिकेशन में कमी:
- सरकार ने 9 जून की नियमावली का गजट नोटिफिकेशन 14 जून को जारी किया, लेकिन “कम्युनिकेशन गैप” के कारण इसे कोर्ट में समय पर पेश नहीं किया गया।
- कोर्ट ने माना कि आरक्षण प्रक्रिया को नियमों के अनुसार पारदर्शी और विधिसम्मत नहीं किया गया।web:7,17
- सरकार की अस्पष्टता और कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन:
- 20 जून 2025 की सुनवाई में कोर्ट ने सरकार से स्थिति स्पष्ट करने को कहा था, लेकिन सरकार संतोषजनक जवाब देने में विफल रही। इसके बावजूद, 21 जून को चुनाव अधिसूचना जारी कर दी गई, जो कोर्ट में विचाराधीन मामले के दौरान अनुचित था।
- कोर्ट ने सरकार की इस मनमानी पर नाराजगी जताई और पूरी चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगा दी।
उत्तराखंड हाई कोर्ट में सुनवाई कब तक जारी रहेगी?
- 25 जून 2025 को सुनवाई: मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने पंचायत चुनाव से संबंधित सभी याचिकाओं की सुनवाई के लिए 25 जून 2025 को दोपहर 2 बजे का समय निर्धारित किया है।
- रोक बरकरार: तब तक कोर्ट ने चुनाव प्रक्रिया पर लगी रोक को बरकरार रखा है।
- आगे की सुनवाई: 25 जून की सुनवाई में सरकार द्वारा पेश गजट नोटिफिकेशन और अन्य याचिकाओं (जैसे दीपिका किरौला की याचिका) पर विचार होगा। कोर्ट के निर्णय के आधार पर रोक हट सकती है या आगे बढ़ सकती है।
- वर्तमान जानकारी के अनुसार, सुनवाई 25 जून को होगी, लेकिन यदि मामले में और जटिलताएं सामने आईं, तो सुनवाई आगे बढ़ सकती है। सटीक स्थिति के लिए कोर्ट के अगले आदेश का इंतजार करना होगा।
राज्य निर्वाचन आयोग ने 24 जून 2025 को कोर्ट के आदेश के बाद नामांकन और अन्य प्रक्रियाएं अग्रिम आदेश तक स्थगित कर दी हैं। पंचायती राज सचिव चंद्रेश कुमार ने कहा कि सरकार कोर्ट के निर्देशों का पालन कर रही है और गजट नोटिफिकेशन को कोर्ट में पेश कर चुकी है। यह रोक 12 जिलों (हरिद्वार को छोड़कर) में लागू त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों पर प्रभावी है, जिनमें 10 और 15 जुलाई को मतदान और 19 जुलाई को मतगणना प्रस्तावित थी।