
High Court Slams Ramdev
1 High Court Slams Ramdev : बाबा रामदेव ने फिर तोड़ी मर्यादा, कोर्ट की अवमानना के घेरे में
2 High Court Slams Ramdev : शरबत जिहाद” बयान पर रामदेव को कोर्ट से फटकार
दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने बाबा रामदेव को उनके “शरबत जिहाद” बयान के लिए कड़ी फटकार लगाई, जो पतंजलि के गुलाब शरबत के प्रचार में हमदर्द कंपनी और रूह अफजा के खिलाफ दिया गया था।
कोर्ट ने कहा कि यह बयान “अदालत की अंतरात्मा को झकझोरने वाला” और “समाज में नफरत फैलाने वाला” है, जिसका कोई बचाव नहीं हो सकता। कोर्ट ने रामदेव को पांच दिन के भीतर इस बयान से संबंधित सभी वीडियो और विज्ञापन हटाने का आदेश दिया और हमदर्द के खिलाफ भविष्य में ऐसी टिप्पणियों से बचने के लिए एक हलफनामा दाखिल करने को कहा। कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की कि रामदेव “किसी के नियंत्रण में नहीं” और “अलग दुनिया में रहते हैं।”
मामला “शरबत जिहाद” वाले विवादित बयान से जुड़ा है। इससे पहले हाईकोर्ट ने 22 अप्रैल को रामदेव को स्पष्ट आदेश दिया था कि वह हमदर्द कंपनी के किसी भी उत्पाद पर कोई बयान या वीडियो न दें।
High Court Slams Ramdev : शरबत जिहाद” बयान पर रामदेव को कोर्ट की कड़ी फटकार, अवमानना की कार्रवाई संभव

योगगुरु बाबा रामदेव एक बार फिर विवादों में हैं। दिल्ली हाईकोर्ट ने उनके ‘शरबत जिहाद’ वाले बयान को लेकर सख्त रुख अपनाया है और उन्हें पहले ही चेतावनी देने के बावजूद अदालत के निर्देशों की अनदेखी करने पर नाराजगी जताई है। 22 अप्रैल की पिछली सुनवाई में कोर्ट ने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि बाबा रामदेव की टिप्पणी “न्यायालय की अंतरात्मा को आहत करती है” और इसका कोई औचित्य नहीं था।
बाबा रामदेव ने तीन अप्रैल को अपने पतंजलि ब्रांड के गुलाब शरबत का प्रचार करते हुए हमदर्द कंपनी के ‘रूह अफ़ज़ा’ को लेकर विवादित टिप्पणी की। हमदर्द की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने अदालत में दलील दी कि रामदेव के बयान न सिर्फ झूठे हैं, बल्कि समाज में सांप्रदायिक तनाव फैलाने वाले हैं। उन्होंने बताया कि रामदेव ने दावा किया कि “रूह अफ़ज़ा से कमाई गई रकम मदरसे और मस्जिद बनाने में लगाई जाती है।
हालांकि, बाद में रामदेव ने सफाई दी कि उन्होंने न किसी ब्रांड और न ही किसी समुदाय का नाम लिया। कोर्ट को यह भी बताया गया कि रामदेव की तरफ से मामले में बहस के लिए वकील भी मौजूद नहीं थे, जिससे कोर्ट ने और नाराजगी जाहिर की। जज ने टिप्पणी करते हुए कहा कि यह मामला केवल ब्रांड या व्यवसाय का नहीं है, यह सामाजिक जिम्मेदारी और अदालत के सम्मान से जुड़ा मामला है।