
Drone Permission in Kedarnath
1 Drone Permission in Kedarnath : केदारनाथ में अब ड्रोन उड़ाने से पहले लेनी होगी इजाजत, प्रशासन ने बढ़ाई सतर्कता
2 Drone Permission in Kedarnath : बिना इजाजत ड्रोन उड़ने पर होगी कार्येवही
Drone Permission in Kedarnath : देहरादून। केदारनाथ धाम में कपाट खुलने के दिन माहौल हमेशा खास होता है — श्रद्धा, उत्साह और तकनीक का संगम दिखाई देता है। इस बार भी यूट्यूबर्स, ब्लॉगर और न्यूज चैनल्स इस पल को आसमान से कैद करने के लिए ड्रोन उड़ाने की तैयारी में हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा बिना अनुमति के। प्रशासन ने साफ कर दिया है कि केदारनाथ में ड्रोन उड़ाने से पहले बाकायदा इजाजत लेनी होगी। सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण को देखते हुए ये कदम उठाया गया है ताकि श्रद्धालुओं की भावनाओं के साथ-साथ उनकी सुरक्षा से कोई समझौता न हो। यानी अब ‘ड्रोन शॉट’ से पहले ‘परमिशन शॉट’ ज़रूरी होगा।
Drone Permission in Kedarnath : केदारनाथ में अब ड्रोन उड़ाने से पहले लेनी होगी सख्त इजाजत, प्रशासन ने बढ़ाई सतर्कता
केदारनाथ धाम में कपाटोत्सव हर साल एक अलौकिक अनुभव होता है — जहां श्रद्धा और आस्था का सैलाब उमड़ता है। इस पावन मौके को आसमान से कैद करने की होड़ इस बार भी तेज़ है। यूट्यूबर, ब्लॉगर और निजी न्यूज चैनल्स ड्रोन से शानदार दृश्य फिल्माना चाहते हैं ताकि इस दिव्य क्षण को दुनिया के सामने खूबसूरत अंदाज़ में पेश कर सकें।
लेकिन अब ये सब बिना इजाजत मुमकिन नहीं होगा। प्रशासन ने साफ कर दिया है कि केदारनाथ जैसे संवेदनशील और धार्मिक स्थान पर ड्रोन उड़ाने के लिए पहले से परमिशन लेना अनिवार्य है। अब तक तीन लोगों ने कपाटोत्सव के दिन ड्रोन उड़ाने की अनुमति मांगी है, और उन्हें उत्तराखंड सरकार की फिल्म नीति के नियमों के अनुसार इजाजत दी जा सकती है।
ड्रोन उड़ाने वालों को सिर्फ अनुमति नहीं, बल्कि बदरी-केदार मंदिर समिति, पुलिस, और पर्यटन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) भी लेना होगा। प्रशासन की ओर से नोडल अधिकारी वीरेश्वर तोमर ने बताया कि सभी आवेदकों से ज़रूरी दस्तावेज, मकसद, और उपयोग की जानकारी मांगी गई है।
Drone Permission in Kedarnath : बिना इजाजत उड़ रहे ड्रोन, अब केदारनाथ में नहीं चलेगा
केदारनाथ जैसे पवित्र धाम में जहां हर कदम श्रद्धा से भरा होता है, वहीं कई यूट्यूबर और ब्लॉगर बिना अनुमति के ड्रोन उड़ाते नज़र आ रहे हैं। पैदल मार्ग से लेकर मंदिर के आसपास तक, बिना इजाजत आसमान में उड़ते इन ड्रोनों पर अब तक किसी की सख्त नज़र नहीं पड़ी थी।
इससे न सिर्फ सुरक्षा को खतरा है, बल्कि चिंता इस बात की भी है कि ये लोग केदारनाथ को किस रूप में दिखा रहे हैं। धार्मिक और सांस्कृतिक संवेदनशीलता के इस स्थान को प्रचार के नाम पर किसी भी रूप में तोड़-मरोड़ कर दिखाना सही नहीं। प्रशासन ने अब कमर कस ली है — इस बार ऐसे ब्लॉगर और यूट्यूबर्स पर सख्त नजर रखने और कार्रवाई करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। पवित्रता के साथ अगर तकनीक को जोड़ा जाए तो ठीक है, लेकिन नियमों और मर्यादा के दायरे में रहकर।