
परिसंपत्ति विवाद को लेकर उत्तराखंड के सिंचाई मंत्री पर निशाना साधा.
देहरादून। उत्तराखंड के सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने उत्तर प्रदेश के बीच परिसंपत्तियों के बंटवारे में तेजी लाने की बात कही है. उन्होंने कहा कि पूर्व में दोनों राज्य के मुख्य सचिवों की बैठक में उधम सिंह नगर, हरिद्वार और चंपावत की कुल 660.182 हेक्टेयर भूमि को उत्तराखंड को हस्तांतरित करने पर सहमति बनी थी. लेकिन अभी तक इस संबंध में कोई प्रगति नहीं हुई.
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए परिसंपत्तियों के बंटवारे को लेकर सिंचाई मंत्री पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि भाजपा के एक शीर्ष मंत्री और आध्यात्मिक महापुरुष का बयान पढ़ा. जिसमें उन्होंने कहा है कि नहरों और परिसंपत्तियों को उत्तर प्रदेश से बंटवारे से लेंगे. लेकिन बीते 9 सालों में भाजपा के मुख्यमंत्री आए और गए. इस तरह मंत्री भी आए और गए. वह भी इसी तरह का बयान देते रहे. मगर परिसंपत्तियां हमें नहीं मिली.
इसके बाद हरीश रावत ने कांग्रेस के कार्यकाल का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस की सरकार 2014 से 2017 तक 3 साल रही. इस दौरान हमने परिसंपत्तियां भी ली और जो पैसे उत्तराखंड को मिलने चाहिए थे, वह भी लिए. इसी तरह जल संपति के बंटवारे में भी कई नहरें और कई सिंचाई परिसंपत्तियां वापस ली गई. उस समय हम सिंगल इंजन की सरकार हुआ करते थे. लेकिन आज डबल और ट्रिपल इंजन की सरकारी दोनों राज्यों में हैं. उसके बावजूद परिसंपत्तियों के नाम पर उत्तराखंड को तो कुछ नहीं मिला. हां हरिद्वार, बदरीनाथ और केदारनाथ में बहुमूल्य भूखंड अवश्य उत्तर प्रदेश को दे दिए गए. क्योंकि वह बड़े भाई हैं और आदरणीय योगी जी बड़े नेता भी हैं.