
देहरादून। आगामी 30 अप्रैल से उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2025 की शुरुआत होने जा रही है. 30 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलेंगे. इसके बाद 2 मई को केदारनाथ और फिर 4 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खोले जाएंगे. यात्रा शुरू होने के बाद पहले महीने में बड़ी संख्या में श्रद्धालु चारधाम पहुंचे हैं. ऐसे में भीड़ को देखते हुए शासन-प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है. शुरुआती एक महीने के दौरान चार धाम में वीआईपी दर्शन पर रोक रहेगी. हालांकि, वीआईपी आम श्रद्धालु की तरह दर्शन कर सकते हैं.

शासन-प्रशासन की तरफ से साफ किया गया है कि यदि चारधाम यात्रा 2025 के शुरुआती एक महीने में कोई वीआईपी धाम में दर्शन करने लिए आता है, तो उनको आम श्रद्धालु की तरह की दर्शन करने होंगे. प्रशासन की तरफ से उन्हें कोई सुविधा नहीं दी जाएगी. हालांकि, चारधाम यात्रा 2025 शुरू होने के करीब एक महीने बाद वीआईपी श्रद्धालुओं को अलग से दर्शन कराए जाएंगे, लेकिन शुरुआत में नहीं.

क्यों लिया गया ऐसा फैसला?: प्रशासन का मानना है कि जब भी कोई वीआईपी श्रद्धालु दर्शन के लिए आता है तो आम भक्तों को रोकना पड़ता है. इस वजह से भीड़ काफी बढ़ जाती है और आम श्रद्धालुओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. पहले एक महीने चार धाम में सबसे ज्यादा भीड़ होती है. इसलिए शुरुआत के एक महीने में वीआईपी दर्शन पर रोक लगाई गई है.

पिछली बैठक में ही तय हो गया था कि यात्रा के शुरुआती एक महीने के दौरान वीआईपी दर्शन को अनुमति नहीं दी जाएगी. यदि आम श्रद्धालु के रूप में कोई वीआईपी दर्शन करने आता है तो उसका स्वागत है, लेकिन वीआईपी प्रोटोकॉल के तहत आम श्रद्धालुओं को रोक नहीं जाएगा.
विनय शकर पांडेय, गढ़वाल कमिश्नर – प्रशासन का निर्णय वर्तमान परिस्थितियों के आधार पर होता है. ऐसे में यात्रा के दौरान अगर ज्यादा भीड़ नहीं होगी तब वीआईपी दर्शन पर निर्णय लिया जा सकता है.

रिकॉर्ड तोड़ रजिस्ट्रेशन – चारधाम यात्रा के लिए शुरू हुए रजिस्ट्रेशन की संख्या देखते हुए ऐसा लग रहा है कि इस बार चारधाम यात्रा पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ देगी. बीते 8 दिनों में 8.5 लाख से ज्यादा श्रद्धालु चारधाम 2025 के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं.