देश के कई राज्य इन दिनों भीषण गर्मी-लू की चपेट में हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक राजधानी दिल्ली के कई इलाकों में पारा 48 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया है। मौसम विभाग ने बुधवार तक यहां लू को लेकर ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, बढ़ता तापमान सेहत के लिए कई प्रकार से हानिकारक हो सकता है। इसके जानलेवा दुष्प्रभावों का भी खतरा रहता है इसलिए सभी लोगों को लू से बचाव को लेकर अलर्ट रहना चाहिए।
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत नेशनल सेंटर ऑफ डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक एक मार्च से अब तक देश में हीटस्ट्रोक के 16 हजार से अधिक मामले रिपोर्ट किए गए जबकि 60 से अधिक लोगों की मौत हुई है। उच्च तापमान का सेहत पर गंभीर दुष्प्रभाव हो सकता है। ये मस्तिष्क की समस्याओं से लेकर किडनी-लिवर फेलियर तक के जोखिमों को बढ़ाने वाली हो सकती है।
गर्मी के कारण होने वाली समस्या
- ज्यादातर रोगी मुख्यरूप से शरीर के तापमान में वृद्धि, सुस्ती, कमजोरी और मुंह सूखने जैसे लक्षणों के साथ आ रहे हैं।
- डॉक्टर कहते हैं, हीटस्ट्रोक को लेकर थोड़ी सी लापरवाही भी जानलेवा साबित हो सकती है।
बुजुर्गों और छोटे बच्चों को अधिक खतरा
- लू-गर्मी के दुष्प्रभावों से बचाव के लिए बुजुर्गों और छोटे बच्चों को लंबे समय तक धूप में रहने से बचना चाहिए।
- स्वास्थ्य जोखिमों से बचे रहने के लिए धूप के अधिक संपर्क में न आना और खूब पानी पीते रहना जरूरी है।
डिहाइड्रेशन के कारण बढ़ सकती हैं दिक्कतें
- धूप के अधिक संपर्क में रहने वाले लोगों में डिहाइड्रेशन (पानी की कमी) सबसे आम परेशानी है।
- शुरुआत में पानी की कमी होने के कारण मुंह सूखने, कमजोरी-रक्तचाप कम होने जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।
- शरीर से पसीने के जरिए ज्यादा पानी निकल जाने पर एक्यूट किडनी इंजरी और लिवर से संबंधित जटिलताओं का खतरा भी हो सकता है।