सीएम योगी से मिले कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत
देहरादून। बिहार चुनाव में प्रचंड जीत के बाद बीजेपी का जोश में है. बिहार के बाद अब बीजेपी की नजर ममता के गढ़ पश्चिम बंगाल पर है, जिसके लिए बीजेपी ने अभी से अपनी कमर कस ली है. पश्चिम बंगाल में अगले साल 2026 में चुनाव होने है. पश्चिम बंगाल के किले को भेदने के लिए बीजेपी ने मजबूत रणनीति बनाई है. इस रणनीति के तहत बीजेपी ने कई प्रदेशों के बड़े नेताओं को पश्चिम बंगाल के अलग-अलग इलाकों की जिम्मेदारी है, जिनमें से एक उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत भी है. कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत हाल ही में पश्चिम बंगाल का दौरा करके उत्तराखंड आए है.
2026 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के लिए बीजेपी ने ‘मिशन बंगाल’ के तहत एक व्यापक संगठनात्मक रणनीति तैयार की है। यह रणनीति बिहार चुनावों की सफलता से प्रेरित है, जिसमें बूथ-स्तरीय मजबूती, TMC के पारंपरिक क्षेत्रों में घुसपैठ, और केंद्र सरकार की कल्याण योजनाओं का प्रचार प्रमुख है। पार्टी ने राज्य को 5-6 राजनीतिक जोनों में बांटा है और देश के विभिन्न राज्यों से 12 वरिष्ठ नेताओं को तैनात किया है, जो अगले 6 महीनों तक बंगाल में रहकर काम करेंगे। गृह मंत्री अमित शाह हर महीने कई बार बंगाल का दौरा करेंगे। मुख्य फोकस:
- संगठनात्मक अनुशासन: बूथ-स्तरीय नेटवर्क को मजबूत करना, स्थानीय इकाइयों और बाहरी नेताओं का समन्वय।
- कल्याण योजनाओं का प्रचार: केंद्र की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाना, खासकर युवाओं, रोजगार और बुनियादी ढांचे पर जोर।
- TMC पर हमला: ‘जंगल राज’ (कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति), घुसपैठ, और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर आक्रामक प्रचार।
- क्षेत्रीय जुड़ाव: बंगाली संस्कृति से जुड़ना, हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण, और विकास के वादे।
जोन-वार जिम्मेदारियां
| जोन | मुख्य जिम्मेदार नेता | सहायक/अन्य नेता |
|---|---|---|
| उत्तर बंगाल (उत्तर 24 परगना, जलपाईगुड़ी आदि) | अनंत नारायण मिश्रा (झारखंड) | – |
| रार्ह बंगाल (बांकुड़ा, पुरुलिया, पश्चिम बर्धमान) | पवन साई (छत्तीसगढ़ संगठन महामंत्री) | धन सिंह रावत (उत्तराखंड मंत्री) |
| हावड़ा-हुगली-मेदिनीपुर | पवन राणा (दिल्ली संगठन महामंत्री) | संजय भाटिया (हरियाणा) |
| मेदिनीपुर डिवीजन | जेपीएस राठौर (उत्तर प्रदेश मंत्री) | – |
| दक्षिण 24 परगना | एम सिद्धार्थन (तमिलनाडु) और सीटी रवि | – |
| सिलिगुड़ी/दार्जिलिंग | अरुण बिन्नादी; प्रदीप भंडारी (अखिल भारतीय प्रवक्ता) | कैलाश चौधरी (पूर्व केंद्रीय मंत्री, कूच बिहार) |
यह तैनाती TMC के ‘ग्रासरूट पॉलिटिक्स’ को चुनौती देने के लिए डिजाइन की गई है, जिसमें बूथ मैनेजमेंट और निरंतर राजनीतिक जुड़ाव पर जोर है। पीएम मोदी ने बिहार जीत के बाद कहा कि बंगाल में भी ‘जंगल राज’ उखाड़ फेंका जाएगा।
उत्तराखंड मंत्री धन सिंह रावत को क्या जिम्मेदारी दी गई?
धन सिंह रावत, जो उत्तराखंड सरकार में स्वास्थ्य, शिक्षा और सहकारिता मंत्री हैं, को रार्ह बंगाल जोन (बांकुड़ा, पुरुलिया, पश्चिम बर्धमान जिले) में सहायक भूमिका दी गई है। वे छत्तीसगढ़ के संगठन महामंत्री पवन साई के साथ मिलकर काम करेंगे। उनकी मुख्य जिम्मेदारी:
- रणनीति और जुटाव: संगठनात्मक अनुशासन सुनिश्चित करना।
- कल्याण योजनाओं का प्रसार: केंद्र सरकार की योजनाओं को ग्रामीण और आदिवासी इलाकों तक पहुंचाना। यह जोन बीजेपी का सबसे मजबूत क्षेत्र माना जाता है, जहां 2019 में पार्टी को अच्छा प्रदर्शन मिला था। रावत का फोकस TMC के पारंपरिक आधारों में घुसपैठ और बूथ-स्तरीय मजबूती पर होगा।
