उत्तराखंड हाईकोर्ट
रामनगर (नैनीताल) में बंद स्लाटर हाउस का मामला: पूरा विवरण
नैनीताल। रामनगर (नैनीताल जिले में स्थित) में स्लाटर हाउस (बूचड़खाना) को उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) ने प्रदूषण नियमों के उल्लंघन के कारण सील कर दिया था। यह मामला मुख्य रूप से पर्यावरण प्रदूषण और धार्मिक/सांस्कृतिक आवश्यकताओं (जैसे ईद के दौरान बलि) से जुड़ा है। स्थानीय मुस्लिम समुदाय ने इसे जनहित याचिका (PIL) के रूप में उत्तराखंड हाईकोर्ट में चुनौती दी, जिस पर अदालत ने त्वरित कार्रवाई का निर्देश दिया।
रामनगर निवासी अनस कुरैशी ने हाईकोर्ट में दायर की थी जनहित याचिका: मामले के अनुसार रामनगर निवासी अनस कुरैशी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि रामनगर नैनीताल में स्थित स्लाटर हाउस को जिला अधिकारी नैनीताल के द्वारा बिना किसी कारण बस बंद करा दिया गया है, जबकि स्लाटर हाउस सभी मानकों को पूर्ण करता है. स्लाटर हाउस की वैधता मार्च 2026 तक है.
स्थानीय कारोबारियों को हो रहा नुकसान: अनस कुरैशी का कहना था कि स्लाटर हाउस बंद होने के कारण बाहरी जिलों व उत्तर प्रदेश के कई जिलों से मांस की आपूर्ति ट्रांसपोर्टरों के द्वारा यहां की जा रही है. स्थानीय लोगों को ताजा मांस भी नहीं मिल पा रहा है. यही नही मांस की कीमत तिगुनी तक हो गई है, जिसका खामियाजा स्थानीय कारोबारियों व मांसाहारियों को भुगतना पड़ रहा है.
स्लाटर हाउस खोलने की अनुमति नगर पालिका को दी जाय: अनस कुरैशी ने जनहित याचिका के जरिए कोर्ट से प्रार्थना कि स्लाटर हाउस खोलने की अनुमति नगर पालिका को दी जाय. और इस सुनवाई पर नगर पालिका की तरफ से कहा गया कि स्लाटर हाउस वैध रूप से चल रहा था.
वह पीसीबी के सभी मानकों को पूर्ण करता आया स्लाटर हाउस: वह पीसीबी के सभी मानकों को पूर्ण करता आया है, जबकि इसकी एक रिपोर्ट जुलाई 2025 को जिला अधिकारी को भी भेजी गई थी, जिस पर जिलाधिकारी ने आज तक कोई निर्णय तक नहीं लिया गया. उल्टा स्लाटर हाउस बंद करने के निर्देश दे दिए हैं.
